स्कूल में शराब बरामदगी: नीतीश सरकार में मंत्री रामसूरत राय पर घमासान, पक्ष और विपक्ष आमने-सामने

बिहार में स्कूल में शराब बरामदगी में नीतीश सरकार के मंत्री रामसूरत राय नाम आने के बाद से प्रदेश की राजनीति में बवाल मचा हुआ है। सत्ता पक्ष और पूरा विपक्ष आमने-सामने है। मंत्री की बर्खास्ती की मांग को लेकर जहां विपक्ष अड़ा हुआ है वहीं सत्ता पक्ष भी अपने मंत्री के बचाव में उतर गया है। उधर इस मसले पर राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामसूरत कुमार ने भी अपनी सफाई दी है।

रामसूरत मामले में काम क्यों नहीं कर रहा कानून: शिवानंद
राजद उपाध्यक्ष सह पूर्व मंत्री शिवानंद तिवारी ने सवाल किया है कि आखिर रामसूरत राय के मामले में कानून अपना काम क्यों नहीं कर रहा है। कहा कि मुख्यमंत्री हमेशा दावा करते हैं कि उनके राज में कानून अपना काम करता है, और ‘ना तो हम किसी को फंसाते हैं ना ही किसी को बचाते हैं’, लेकिन रामसूरत राय के मामले में तो ऐसा होता नहीं दिख रहा है। तिवारी ने कहा कि अब तक नेता विरोधी दल ने जितने साक्ष्य प्रस्तुत किए हैं वह तो रामसूरत राय को मंत्रिमंडल से बाहर करने के लिए पर्याप्त हैं। कहा कि शराबबंदी कानून के मुताबिक तो रामसूरत राय के अनुज की गिरफ्तारी हो जानी चाहिए थी, उनकी जमीन जब्त हो जानी चाहिए थी। श्री तिवारी ने कहा कि तेजस्वी यादव द्वारा दिए साक्ष्यों पर अगर सरकार को संदेह है तो उसकी सत्यता की जांच वो खुद करा सकती थी। 

तेजस्वी का यही रवैया रहा तो मानहानि का मुकदमा : निखिल
प्रदेश भाजपा प्रवक्ता डॉ. निखिल आनंद ने तेजस्वी यादव पर आरोप लगाया है कि वे राजस्व मंत्री रामसूरत कुमार का चरित्रहनन की कोशिश कर रहे हैं। अगर वे यही रवैया जारी रखते हैं तो उन पर मानहानि का मुकदमा दायर किया जाएगा। शनिवार को जारी बयान में प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि तेजस्वी यादव ने यादव समाज के एक शरीफ मंत्री को सॉफ्ट और आसान निशाना बनाया है। दूसरों पर आरोप लगाने से पहले तेजस्वी अपने गिरेबान में झांकें। जिस आधार पर तेजस्वी मंत्री को आरोपी बताना चाह रहे हैं, उस आधार पर लालू प्रसाद का पूरा परिवार सज़ायाफ्ता हो जाएगा। 

भाई से संबंध नहीं, सरकार चाहे जिससे जांच कराए : रामसूरत
स्कूल परिसर से शराब मिलने पर विपक्षी दलों के निशाने पर आए राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामसूरत कुमार ने सफाई दी है कि मेरा भाई के साथ कोई संबंध नहीं है। शनिवार को प्रदेश भाजपा कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में मंत्री ने कहा कि साल 2006 में मेरे पिताजी ने भाइयों के बीच पैतृक संपत्ति का मौखिक बंटवारा कर दिया। 2012 में रजिस्टर्ड बंटवारा हुआ है। जिस स्कूल परिसर से शराब बरामद हुई है, उस जमीन को भाई ने 2014 में खरीदा था।

मंत्री ने कहा कि भाई हमसे अलग होने के बाद क्या कर रहा है, उससे हमें क्या मतलब। सरकार चाहे तो किसी भी एजेंसी से जांच कर कार्रवाई करे, हमें कोई आपत्ति नहीं। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव द्वारा इस्तीफा मांगे जाने पर मंत्री ने कहा कि उनके पिताजी सजायाफ्ता हैं। उन पर और उनकी मां पर मुकदमा है। क्या वे इस्तीफा देंगे? लालू प्रसाद की मां के नाम पर गांव व स्कूल हैं। क्या वहां से शराब बरामद होगी तो तेजस्वी इस्तीफा देंगे? मेरे पिताजी इलाके के गणमान्य व्यक्ति थे। उनके नाम पर कोई स्कूल चला रहा है और बतौर जनप्रतिनिधि मैं किसी पुरस्कार वितरण कार्यक्रम में जाता हूं तो उसमें इस्तीफे का सवाल कहां से आ रहा है। तेजस्वी यादव पर कहा कि वे दो दिनों के अंदर माफी मांगें वरना मानहानि का मुकदमा कर उनसे मुआवजा लूंगा। 

मंत्री ने कहा कि मेरे कारण जिनकी राजनीति समाप्त हो गई है, वे बौखलाए हुए हैं। सच्चाई है कि स्कूल संचालक ने खुद जानकारी दी है कि उसने लीज पर जमीन ले रखी है। आरोप लगाया कि शराब के कारोबार में महागठंधन के लोग शामिल हैं। मंत्री ने मौके पर राजस्व विभाग की उपलब्धियों की भी चर्चा की। प्रदेश प्रवक्ता डॉ. निखिल आनंद, मीडिया प्रभारी राजेश झा राजू, अशोक भट्ट, राकेश कुमार सिंह आदि मौजूद थे।  

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