एटीएम में कटे-फटे और नकली नोट रोकने के लिए तमाम कदम उठाए जा रहे हैं। अब मशीन के अंदर रुपए से भरी कैसेट को ही हर बार बदला जाएगा न कि उसे वहीं पर भरा जाएगा। मेंटीनेंस कंपनी और बैंक के जिम्मेदारी अधिकारियों के सामने कैसेट को भरकर सील किया जाएगा।
एटीएम से कटे-फटे, दो टुकड़ा और नकली नोट निकलने की शिकायतें दो साल में डेढ़ गुना से ज्यादा हो गई हैं। तमाम प्रयासों के बावजूद इस पर पूरी तरह रोक नहीं लग पा रही है। नकली नोट एटीएम के अंदर कैसे पहुंच जाते हैं, इसकी जांच आरबीआई अपने स्तर से कर रहा है। एटीएम के अंदर रखी चार कैसेट में अलग-अलग मूल्यवर्ग के नोट रखे जाते हैं। दो हजार रुपए की कैसेट बैंक पहले ही हटा चुके हैं। उसकी जगह पांच सौ की कैसेट ने ले ली है।
वर्तमान में 80 फीसदी एटीएम में 500 की दो, 200 की एक और 100 की एक कैसेट होती है। इलाके के अनुसार मांग के आधार पर इसमें बदलाव भी होता है। कैसेट खाली होने पर उसे मौके पर ही करेंसी से भरा जाता रहा है लेकिन अब कैसेट को रीप्लेस किया जाता है। सीलबंद कैसेट को एटीएम में लगाकर खाली को हटा लिया जाता है।
एटीएम अपडेट भी हो रहे
आरबीआई के आदेश के बाद बैंक अपने एटीएम को अपडेट कर रहे हैं। नई मशीन को रिसाइक्लर मशीन का नाम दिया गया है, जिसमें तीन तरह के फंक्शन होंगे। अपडेट होने के बाद एटीएम पैसा जमा करेगा, पैसा निकालेगा और नकली नोट को पहचानकर अलग करेगा। अगर तकनीकी गलती से कोई नकली नोट जमा भी हो गया तो एटीएम का स्मार्ट सॉफ्टवेयर उसे एक कैसेट में अलग कर देगा। ये रकम ग्राहक के खाते में नहीं जुड़ेगी। इसी के साथ ग्राहक के पास नकली नोट जमा करने का मैसेज आ जाएगा।
बढ़ती शिकायतों के लेकर उठाए कदम
02 साल में दोगुना बढ़ गई शिकायतें कटे-फटे नोट की लोकपाल में
2019-20 में 2200 शिकायतें कटे-फटे नोट की, नकली की 670 शिकायतें
2020-21 में ये बढ़कर क्रमश: 4100 और 1150 शिकायतें हो गईं
एटीएम से खराब और नकली नोट निकलने की शिकायतों को बैंक गंभीरता से लेते हैं। इनकी शिकायत दर्ज होती है और तत्काल मेंटीनेंस कंपनी को सूचित किया जाता है। इस पर रोक लगाने के लिए एटीएम को लगातार अपडेट और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंसी से लैस किया जा रहा है।
-रजनीश गुप्ता, मंत्री, यूपी बैंक इम्पलाइज यूनियन
कटा-फटा या नकली नोट निकले तो तत्काल एटीएम में रखे रजिस्टर में नोट करें। गार्ड से शिकायत करें। संबंधित शाखा में जाएं और वहां लिखकर दें। आप चाहें तो हेल्पलाइन में भी दर्ज करा सकते हैं। हालांकि नकली नोट के एवज में भरपाई का कोई प्रावधान बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट में नहीं है।