उच्च न्यायालय प्रयागराज के निर्णय के बाद बर्खास्त फर्जी शिक्षकों के विरुद्ध कार्रवाई थम नहीं रही है। बुधवार को शिक्षा विभाग ने सूची जारी कर बर्खास्तगी सुनिश्चित की है। दूसरी ओर एक वर्ष पूर्व कोतवाली नगर में दर्ज 120 शिक्षकों पर एफ आईआर निस्तारण में भी तेजी आ गई है। जिसमें चार्जशीट लगने पर बर्खास्त शिक्षकों की गिरफ्तारी हो सकती है।
वर्ष 2005 में बीएड के फर्जी अभिलेखों के सहारे 120 शिक्षकों की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही है। उच्च न्यायालय प्रयागराज ने उनकी नौकरी समाप्त को जायज ठहरा दिया है। उसके बाद शिक्षा विभाग ने उनकी पुन: सूची जारी कर उच्च न्यायालय के आदेश का अनुपालन सुनिश्चित किया है। इसके साथ ही एक वर्ष पूर्व कोतवाली नगर में बीएसए संजय सिंह ने 120 फर्जी शिक्षकों के विरुद्ध अभियोग दर्ज कराया था। हाईकोर्ट का निर्णय आने के बाद पुलिस भी इस मामले में जल्द से जल्द चार्जशीट लगाने को तेजी से कार्य करने में जुट गई है। संभावना जताई जा रही है कि मामले में चार्जशीट लगते ही संबंधितों पर गिरफ्तारी की गाज गिरना संभव है। दूसरी ओर शिक्षा विभाग भी कोर्ट के निर्णय का अध्ययन कर रहा है। निर्णय में यदि फर्जी शिक्षकों से अब तक लिए गए वेतनादि की वसूली का भी आदेश दिया होगा। एकवर्ष पूर्व भी बीएसए ने शासन के निर्देश पर छह बर्खास्त शिक्षकों से वेतनादि देयकों की वसूली को नोटिस जारी किए थे। यदि ऐसा हुआ तो शिक्षकों की मुश्किलें और बढ़ने वाली हैं।
बीएसए की ओर से दर्ज कराए गए मामले में जांच प्रचलित है। जांच पूरी होते ही रिपोर्ट न्यायालय को भेजी जाएगी।
राजकुमार सिंह, सीओ सिटी कहते हैं कि