भोपाल:मप्र के कर्मचारी संगठन पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल करने की मांग को लेकर एकजुट हो गए हैं। ये कर्मचारी संगठन राजस्थान, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश जैसे पड़ोसी राज्यों के कर्मचारियों का भी समर्थन जुटाने की कोशिश में लगे हैं। इन सभी राज्यों में कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना के फायदे बताए जा रहे हैं। इन सभी राज्यों के कर्मचारी संगठन मिलकर जुलाई में दिल्ली के जंतर-मंतर में बड़ा प्रदर्शन करने की रणनीति बना रहे हैं। मप्र में कर्मचारियों ने अपनी इस मांग को लेकर राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संगठन बनाया है। और भी संगठन इस दिशा में काम कर रहे हैं।
संगठन के अध्यक्ष जितेंद्र सिंह का कहना है कि एक कर्मचारी पूरी जिंदगी सरकारी सेवक के रूप में काम करता है। वह शासकीय सेवक रहते हुए कोई दूसरा काम नहीं कर सकता। तब तक उसके बच्चे जवान हो जाते हैं। जिम्मेदारियां बढ़ जाती हैं। सेवानिवृत्त होने के बाद वह दूसरा काम करने और परिवार की आय बढ़ाने योग्य भी कम ही रहता है। ऐसे में पुरानी पेंशन व्यवस्था ही उसका सहारा होती थी, जिसमें वह खुद का घर बनाता था और बच्चों का विवाह कर लेता था। लेकिन जो नई पेंशन योजना लाई गई, वह कर्मचारियों के लिए ज्यादा फायदे की नहीं है। यह बात हम प्रत्येक कर्मचारियों को समझा रहे हैं। सरकार को भी इस बात को समझना चाहिए और कर्मचारियों के हितों के बारे में सोचना चाहिए।
प्रदेश में लगातार हो रहे प्रदर्शन
पुरानी पेंशन व्यवस्था की बहाली के लिए प्रदेश में लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं। मप्र के संगठनों के नेतृत्व में दिल्ली में भी प्रदर्शन व सभाएं हो चुकी है। अभी तक पुरानी पेंशन बहाली की स्थिति में शासन-प्रशासन ने कोई कदम नहीं उठाए हैं। इस बात से कर्मचारी खफा हैं और आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं। साल 2005 के बाद से नियुक्त कर्मचारियों की संख्या बढ़ी है, जो पुरानी पेंशन के दायरे से बाहर हैं।