पटना नगर निगम क्षेत्र के भवन मालिकों का खर्च बढ़ेगा। नगर निगम बोर्ड की 21वीं साधारण बैठक में होल्डिंग टैक्स (वार्षिक किराया मूल्य) में 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी का प्रस्ताव पास किया गया है।
बांकीपुर अंचल कार्यालय के सभागार में गुरुवार को पारित प्रस्ताव नगर विकास एवं आवास विभाग भेजा जाएगा। विभाग से मंजूरी मिलती है तो वर्ष 1993 के बाद होल्डिंग टैक्स बढ़ेगा। जब यह प्रस्ताव रखा गया तब कई सदस्यों ने इस पर आपत्ति भी जताई। बैठक में मौजूद पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र के सांसद सह पूर्व केन्द्रीय मंत्री रामकृपाल यादव ने कोरोना काल में एक बार में 15 फीसदी टैक्स बढ़ाने को उचित नहीं बताया। उन्होंने मेयर और नगर आयुक्त से इसे कम करने का सुझाव दिया। इस पर नगर आयुक्त हिमांशु शर्मा ने बढ़े हुए होल्डिंग टैक्स पर विभाग के प्रधान सचिव से चर्चा करने का आश्वासन दिया है।
कोरोना महामारी में टैक्स बढ़ाना उचित नहीं
पाटलिपुत्र सांसद रामकृपाल यादव ने कहा कि एक साल से कोरोना महामारी के कारण जहां केन्द्र से लेकर राज्य सरकार ने विभिन्न टैक्सों में कमी की है। वहीं, नगर निगम पटना की जनता पर एक बार में 15 फीसदी होल्डिंग टैक्स में बढ़ोतरी करना अनुचित है। उन्होंने महापौर सीता साहू और नगर अयुक्त से कहा कि इस पर पुनर्विचार किया जाए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि होल्डिंग टैक्स बढ़ना चाहिए लेकिन एक बार में इतना भी नहीं बढ़े जिससे कोरोना महामारी काल में जनता की जेब पर अचानक से बोझ बढ़ जाए।
अधिकतम आठ और न्यूनतम दो रुपये बढ़ेगा टैक्स
वर्तमान होल्डिंग टैक्स में अधिकतम आठ और न्यूनतम दो रुपये टैक्स बढ़ जाएगा। निगम क्षेत्र में प्रधान मुख्य सड़क के किनारे पूर्ण रूप से व्यावसायिक या औद्योगिक संपत्ति या भवन है तो उसके मालिक को प्रति वर्ग फीट 62 रुपये 10 पैसे के हिसाब से प्रतिवर्ष होल्डिंग टैक्स देना होगा। अभी तक ऐसे भवनों पर वार्षिक 54 रुपये शुल्क देना पड़ता था। वहीं, सामान्य सड़क के किनारे जो आवासीय भवन हैं, उन्हें दो रुपये 30 पैसे प्रति वर्ष प्रति वर्ग फुट के हिसाब से देना होगा। नगर निगम ने व्यावासयिक या औद्योगिक, अन्य तरह की संपत्ति और आवासीय भवनों का वार्षिक किराया मूल्य में बढ़ोतरी का प्रस्ताव पास कर दिया है। इसमें तीन श्रेणी हैं, जिसमें प्रधान मुख्य सड़क, मुख्य सड़क और अन्य सड़क के किनारे स्थित व्यावसायिक या औद्योगिक, सामान्य और आवासीय भवनों एवं घरों पर बढ़ाया जाएगा।
वर्ष 1993 के बाद बढ़ा वार्षिक किराया
होल्डिंग टैक्स में 30 फीसदी के बजाय 15 फीसदी की ही बढ़ोतरी करने का फैसला निगम ने लिया है। ऐसा इसलिए कि बिहार सरकार द्वारा वर्ष 2014 में लागू नियम के मुताबिक प्रत्येक पांच वर्ष पर प्रति वर्ग फुट की दर से वार्षिक किराया मूल्य में 15 फीसदी बढ़ाया जा सकता है। इसके आधार पर नगर निगम नियम के मुताबिक वर्ष 2014 से 2020 तक दो बार यानी 30 फीसदी किराया बढ़ाने का वैधानिक अधिकार है। लेकिल सशक्त स्थायी समिति की अध्यक्ष सह महापौर सीता साहू का कहना है कि पटना की जनता पर एक साथ 30 फीसदी की बढ़ोतरी नहीं की जा सकती है। इसलिए 15 फीसदी ही टैक्स बढ़ाया गया है। इससे पहले वर्ष 1993 में होल्डिंग टैक्स में बढ़ोतरी की गई थी। करीब 27 साल बाद नगर निगम ने बढ़ोतरी के प्रस्ताव को सशक्त स्थायी समिति से पास कराया।
बढ़े हुए टैक्स से निगम का बढ़ेगा राजस्व
नगर निगम के पास आय के स्त्रोत का मुख्य साधन फिलहाल होल्डिंग टैक्स ही है। पिछले 27 वर्षों से नगर निगम ने होल्डिंग टैक्स नहीं बढ़ाया था। जिसके कारण निगम की आय में बढ़ोतरी नहीं हो पा रही थी। अभी तक निगम क्षेत्र में दो लाख 50 हजार सरकारी और निजी प्रतिष्ठान या भवन हैं, जिनपर होल्डिंग टैक्स लागू होता है। मौजूदा वित्तीय वर्ष में निगम 15 हजार नयी संपत्ति को टैक्स के दायरे में लाया है। वर्ष 2020-21 में 102 करोड़ रुपये होल्डिंग टैक्स वसूलने का लक्ष्य है। जिसमें बकाएदारों की राशि भी शामिल है। दरअसल, निगम के पास बेसिक होल्डिंग टैक्स करीब 47 करोड़ रुपये ही आता है। दोनों को मिलाकर अभी तक 56 करोड़ रुपये की वसूली हुई है। बढ़े हुए वार्षिक किराया मूल्य से नगर निगम की आमदनी बढ़ेगी। जिससे निगम क्षेत्र में विकास कार्य हो सकेगा।