यूपी में स्कूल अब एक पाली में भी चलाए जा सकेंगे। यह आदेश सभी बोर्ड के स्कूलों पर लागू होगा। कक्षा नौ से 12 तक के लिए स्कूल 10 से 3 बजे तक खोले जा सकेंगे। इससे पहले अक्तूबर 2020 में कक्षा नौ से 12 तक के लिए कक्षाएं दो पालियों में चलाने के आदेश जारी किए गए थे। माध्यमिक शिक्षा विभाग की विशेष सचिव आर्यका अखौरी ने आदेश जारी कर दिया है। अभी कक्षा एक से आठ तक के स्कूल नहीं खोले गए हैं। इसके लिए राज्य केन्द्र सरकार की गाइड लाइन का इंतजार कर रहा है।
कुछ समय पहले माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) के सचिव दिव्यकांत शुक्ला ने शीत लहर और कोरोना के नए स्ट्रेन के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए जिला विद्यालय निरीक्षकों से एक ही पाली में स्कूल चलाने को लेकर सुझाव मांगे थे। इसके बाद में शासन ने भी आलाधिकारों के साथ बैठक कर इस बात पर विचार करते हुए स्कूलों को एक ही पाली में चलाने के लिए सुझाव मांगे। इसके बाद विशेष सचिव आर्यका अखौरी ने जिलों के सभी डीएम व डीआइओएस सहित अन्य अधिकारियों से सभी विद्यालयों को एक पाली में ही खोलने की बात कही है।
इस गाइडलाइंस पर खुले थे स्कूल :
यूपी में कंटेनमेंट जोन के अलावा सभी बोर्डों के स्कूल 19 अक्टूबर से खुल गए थे। पहले कक्षा 9 से 12 तक के स्कूल खोले गए। स्कूल आने के लिए माता-पिता की लिखित सहमति जरूरी थी। किसी भी बच्चे को स्कूल आने के लिए बाध्य नहीं किया गया, जो अभिभावक स्कूल नहीं भेजना चाहेंगे उनके बच्चों की क्लासेज पहले की तरह ऑनलाइन चलती रही। कक्षाएं दो पालियों में संचालित हो रही थी। पहली पाली में कक्षा 9 व 10 जबकि दूसरी पाली में कक्षा 11 व 12 की पढ़ाई हो रही थी। क्लास में पहले दिन केवल 50 प्रतिशत स्टूडेंट्स ही बुलाए जाने का आदेश हुआ था। बाकी 50 फीसदी अगले दिन। ऐसे ही रोटेशन चलाते रहने को कहा गया था।
फीस न देने वाले छात्रों का नाम काटने पर जनहित याचिका
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शासनादेश के विपरीत गौतमबुद्धनगर के कुछ प्राइवेट स्कूलों द्वारा फीस न जमा करने वाले छात्रों को ऑनलाइन शिक्षा न देने व रजिस्टर से नाम काटने को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर राज्य सरकार से जानकारी मांगी है। कोर्ट ने याचिका को सुनवाई के लिए 21 जनवरी को पेश करने का निर्देश दिया है। यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति गोविंद माथुर एवं न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी की खंडपीठ ने प्रवीन अंटल व 22 अन्य की जनहित याचिका पर दिया है। याचियों का कहना है कि राज्य सरकार ने कोविड-19 के दौरान लॉक डाउन के कारण चार जुलाई 2020 को नीति घोषित की है कि यदि छात्र फीस जमा नहीं करते तो उनकी ऑनलाइन कक्षा बंद नहीं होगी और रजिस्टर से नाम नहीं काटा जाएगा। इसके बावजूद कुछ प्राइवेट स्कूल इस नीति का पालन नहीं कर रहे है इसलिए उन्हें नीति के पालन का निर्देश दिया जाए। कोर्ट ने राज्य सरकार के अधिवक्ता को जिलाधिकारी गौतम बुद्ध नगर से सरकारी नीति लागू करने पर जानकारी प्राप्त करने को कहा है।