कार्यकाल के आखिरी 25 दिनों में प्रधानों ने खुले हाथों से विकास निधि खर्च की है। जिले की 93 ग्राम पंचायतों में 10 लाख से ज्यादा का भुगतान कर दिया गया है। अब इसकी जांच की जिम्मेदारी सात एडीओ और एक एडीपीआरओ को सौंपी गई है। जो 6 जनवरी तक जांच रिपोर्ट डीपीआरओ कार्यालय में जमा करेंगे।
जिला पंचायतीराज अधिकारी कमल किशोर ने बताया कि घाटमपुर के एडीओ पंचायत भीतरगांव की और भीतरगांव के एडीओ पंचायत घाटमपुर में हुए भुगतान की जांच करेंगे। पतारा के एडीओ पंचायत बिधनू की और बिधनू के एडीओ पंचायत पतारा में हुए भुगतान की जांच करेंगे। इसके अलावा शिवराजपुर वालों को चौबेपुर, बिल्हौर वालों को ककवन और सरसौल वाले कल्याणपुर में प्रधानों द्वारा हुए भुगतान के मानकों की जांच करेंगे। जबकि एडीपीआरओ शिव बिहारी शुक्ला शिवराजपुर, सरसौल और बिल्हौर में कराए गए कामों में प्रशासनिक विधि और शासकीय अनुमति ली गई है या नहीं इस की जांच कर रिपोर्ट देंगे। गौरतलब है कि विकास कार्यों को कराने से पहले उनमें होने वाले खर्च की संस्तुति लेनी चाहिए, फिर अनुमोदन के बाद ही पैसा निकाला जाना चाहिए लेकिन कार्यकाल खत्म होने से पहले प्रधानों ने मनमाने ढंग से ग्राम पंचायतों के खाते से पैसे निकाले हैं।