बिहार में नये नगर पंचायत, नगर परिषद व नगर निगम के गठन की कवायद से पंचायत चुनाव का गणित प्रभावित हो रहा है। नगर विकास एवं आवास विभाग की कार्यवाही से सूबे की 194 पंचायतों का भूगोल बदल रहा है और उसी के अनुरूप अगले साल होने जा रहे पंचायत चुनाव के लिए बन रही मतदाता सूची में भी परिवर्तन होगा।
पंचायती राज विभाग के अपर सचिव अमृत लाल मीणा ने इसको लेकर जिलों से रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने कहा है कि नगर विकास एवं आवास विभाग से जो प्रारंभिक सूचनाएं आयीं हैं, उनके मुताबिक राज्य की 194 पंचायतों के क्षेत्र में परिवर्तन हो रहा है। राज्य की कुछ पंचायत पूरी तरह से नगर पचायत, नगर परिषद व नगर निगम का हिस्सा बनने जा रहीं हैं, उन जगहों पर तो कोई समस्या नहीं आएगी। लेकिन जो पंचायत आंशिक रूप से नगर निकाय में शामिल हो रहे हैं, पंचायत चुनाव के लिए बन रही वहां की मतदाता सूची में सुधार करना होगा। नए भौगोलिक क्षेत्रफल व जनसंख्या के हिसाब ने नए सिरे से वार्ड बचेंगे और इसका असर पर पंचायत प्र्रतिनिधियों की संख्या पर भी पड़ेगा।
अपर सचिव ने कहा है कि नगर विकास विभाग को जिलों से जो अनुशंसा भेजी गई है, उसी के आधार पर एक विस्तृत रिपोर्ट पंचायती राज विभाग को उपलब्ध करायी जाए। इस रिपोर्ट में यह उल्लेख होना चाहिए कि नए नगर निकाय के गठन के बाद किन किन पंचायतों का पुनर्गठन चुनाव से पहले आवश्यक होगा।
मुजफ्फरपुर की ये पंचायतें होंगी प्रभावित:
प्रस्तावित कांटी नगर परिषद में आने वाली पंचायतें- मानिकपुर नरोत्तम, रामनाथ धमौली व शेरुकाही पंचायत, प्रस्तावित मोतीपुर नगर परिषद में आने वालीं पंचायतें- नरियार, महिमा गोपीनाथपुर व मोहम्मदपुर बलमी, साहेबगंज नगर परिषद में आने वाली पंचायतें गुलाबपट्टी, बैद्यनाथपुर, हलिमपुर व रामपुर असली शामिल है। इसी तरह बरूराज नगर पंचायत में आने वाली पंचायत के हिस्से- बरूराज, सरैया नगर पंचायत में शामिल गांव-सरैया, मनिकपुर, गोपीनाथपुर डोकरा व चकइब्राहिम, मीनापुर नगर पंचायत में शामिल आंशिक पंचायत- चांदपरना व मीनापुर, सकरा नगर पंचायत में शामिल होने वाली आंशिक पंचायत- फरीदपुर सकरा, रघुनाथपुर दोनवां व मछही मुरौल या ढोली बाजार नगर पंचायत में शामिल आंशिक पंचायत- सादिकपुर मुरौल, हरसिंगपुर लौटन व बसंतपुर बखरी के नाम शामिल हैं।