कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों की तरफ से बुलाए भारत बंद के बाद विपक्ष के पांच नेता बुधवार यानी आज राष्ट्रपति से मुलाकात करेंगे। इस मुलाकात से पहले कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने ट्वीट करके कहा है कि हां, राष्ट्रपति इस पर क्या कर सकते हैं?
दिग्विजय सिंह ने कहा कि राष्ट्रपति जी से किसान विरोधी क़ानून को वापस लेने के लिए 24 राजनैतिक दलों का डेलीगेशन आज मिलने जा रहा है। मुझे महामहिम जी से कोई उम्मीद नहीं है। इन 24 राजनैतिक दलों को एनडीए में उन सभी दलों से भी चर्चा करना चाहिए जो किसानों के साथ हैं। नितीश जी को मोदी जी पर दबाव डालना चाहिए। ,
कांग्रेस नेता ने कहा कि मोदी जी को अपनी हठ छोड़नी चाहिए। किसानों के विषय पर इस प्रकार से हठ करना किसी के लिए उचित नहीं है न ही देश के लिए और न ही उनके लिए उचित है। मैं कहूंगा कि वो तत्काल इस 3 कानूनों को वापस ले और संयुक्त संसदीय समिति बनाए जो किसानों से बातचीत कर इसका हल निकाले।
बुधवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करने वाले प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, एनसीपी प्रमुख शरद पवार और सीपीएम नेता सीताराम येचुरी शामिल होंगे। विपक्षी नेताओं की राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात बुधवार शाम पांच बजे होगी। मुलाकात के पहले विपक्षी नेताओं की बैठक हो सकती है।
सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने बताया कि विपक्षी नेता बुधवार शाम को पांच बजे राष्ट्रपति से मुलाकात करेंगे। कोरोना प्रोटोकॉल की वजह से सिर्फ पांच नेताओं को राष्ट्रपति से मुलाकात की इजाजत दी गई है। इससे पहले एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा था कि राष्ट्रपति से मुलाकात से पहले विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता तीनों कृषि कानूनों पर चर्चा कर सामूहिक रुख अपनाएंगे।
कृषि कानूनों के मुद्दे पर राष्ट्रपति से मुलाकात करने वाले प्रतिनिधिमंडल में शामिल सभी पार्टियां भारत बंद का समर्थन कर चुकी हैं। दरअसल, भाजपा ने एनसीपी प्रमुख शरद पवार पर निशाना साधते हुए कहा था कि यूपीए सरकार में कृषि मंत्री के तौर पर शरद पवार ने राज्यों को एपीएमसी कानून में संशोधन करने को कहा था। पवार ने राज्यों को आगाह किया था कि अगर सुधार नहीं किए गए , तो केंद्र की तरफ से वित्तीय सहायता नहीं दी जाएगी। लेकिन अब पवार खुद विरोध कर रहे हैं।