Coronavirus In Chhattisgarh: जैसे- जैसे प्रसार बढ़ता गया, नियंत्रण की रणनीति में भी बदलाव लाया गया।
रायपुर। Coronavirus In Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में कोरोना वायरस के संक्रमण का प्रसार अभी भी जारी है। राज्य में अब तक दो लाख से अधिक लोग इस जानलेवा बीमारी के शिकार हो चुके हैं। इनमें से करीब पौने दो लाख लोग स्वस्थ्य हो चुके हैं, लेकिन 2447 लोगों को इस बीमारी की वजह से जान गंवानी पड़ी है। बीमारी के प्रसार की शुरूआत के दौरान इसके नियंत्रण के लिए रणनीति अलग थी, लेकिन जैसे- जैसे प्रसार बढ़ता गया, नियंत्रण की रणनीति में भी बदलाव लाया गया। अब जब कि राज्य में दो लाख से अधिक लोग इस संक्रामक बीमारी की चपेट में आ चुके हैं, स्वास्थ्य विभाग ने नियंत्रण की रणनीति में कई बदलाव किए हैं। अब कोरोना के उपचार के लिए जो नीति अपनाई जा रही है और नियंत्रण कार्यक्रम जिस तरह से चल रहे हैं, उस पर विशेषज्ञ ने नईदुनिया से चर्चा की। कोरोना नियंत्रण अभियान के राज्य नोडल अधिकारी डा. सुभाष पांडेय से सीधी बात-
कोरोना को लेकर अब तक की स्थिति को कैसे देखते हैं।
जवाब :कोरोना बीमारी नई थी। राज्य के नजरिए से हम समझ नहीं पाए थे। स्थिति इतनी भयावह होगी। फिर भी चुनौतियों के बीच इलाज और व्यवस्थाओं में लगातार सुधार किया जाता रहा। पहले चरण में सिर्फ एम्स में ही इलाज की व्यवस्था को जिलेवर ब्लाक स्तर पर मुहैया करना, जांच की रणनीति मील का पत्थर साबित हुआ।
क्या लगता है कि इलाज की व्यवस्थाएं बेहतर कर पाए।
जवाब : अप्रैल-मई में जो स्थिति थी, उससे अब की तुलना करें तो काफी बेहतर है। पहले सिर्फ एम्स में इलाज चल रहा था। इसके बाद प्रत्येक जिला और ब्लाक स्तर पर यह सुविधाएं मील का पत्थर साबित हुआ। होम आइसोलेशन की व्यवस्था परिस्थितियों को संभाला है। खामियों पर भी समय के साथ सुधार चल रहा है।
पहले और अब रणनीति किसी तरह से अलग है।
जवाब : पहले मरीज मिलने पर कांटेक्ट ट्रेसिंग, कंटेनमेंट जोन बनाकर फैलाव को रोकने का प्रयास होता था। एक बड़ा दायरा सील कर दिया जाता, लेकिन मरीज बढ़ने के साथ रणनीति भी बदले। अब जांच के बाद सामान्य लक्षण वालों का घर भी इलाज हो जाता है। स्वास्थ्य सुरक्षा अभियान के तहत घर-घर जाकर जांच कर रहे हैं। जांच व इलाज की व्यवस्था में भी बदलाव वह लोगों के लिए सहुलियत भरा रहा है।
कोरोना जांच की रिपोर्ट अब भी देर हो रही। इलाज समय पर ना मिलने की शिकायतें हैं।
जवाब : केंद्रों में एंटीजन टेस्ट से तुंरत जांच कर रिपोर्ट दे रहे हैं। ट्रू-नाट और आरटीपीसीआर कोरोना में देर कुछ कारणों से होती है। इसकी मानिटरिंग कर रहे हैं। समय पर मरीज को इलाज नहीं मिलने से मौत होने पर इसकी समीझा भी राज्य स्तर पर चल रहा है।
आगे की रणनीति क्या है।
जवाब : स्वास्थ्य दल को घर-घर जांच के लिए भेजा जा रहा है। इसकी निगरानी के लिए टीम बनी है। पोस्ट कोविड मरीजों पर हमारा फोकस है। एसिमटोमेटिक मरीज घर पर ही इलाज ले रहे हैं। हमारा ध्यान अभी क्रिटिकल केयर की सुविधाओं के विस्तार पर है। इसके अलावा परिस्थितियों के आधार पर समय-समय पर रणनीति बनती है।