भारत आज अमेरिका के साथ Basic Exchange and Cooperation Agreement (BECA) डील पर हस्ताक्षर करने वाला है. इस डील से भारत को जो सबसे बड़ा फायदा होगा वो ये होगा कि भारत को अमेरिकी सैटेलाइट दुनिया भर से सैन्य ठिकानों की तस्वीरें, लोकेशन की सटीक जानकारी देंगे. ये जानकारियां डाटा, चार्ट, तस्वीरों के रूप में होगी.
आम बोल-चाल की भाषा में कहा जाए तो इस समझौते के बाद मिली सूचना के आधार पर भारत के द्वारा दुश्मनों पर फायर किए गए मिसाइल ज्यादा सटीक और लक्ष्यभेदी हो सकेंगे.
BECA डील भारत अमेरिका के बीच रक्षा सहयोग का समझौता है. इसके तहत दोनों देश Geospatial (भू-स्थानिक) सूचनाएं और खुफिया जानकारियां एक दूसरे से साझा करेंगे.
क्या है Geospatial सूचनाएं?
हम आपको बताते हैं कि Geospatial सूचनाएं क्या होती हैं और इनका क्या रणनीतिक महत्व है? दरअसल Geospatial वैसी सूचनाएं हैं जिनका पृथ्वी के एक निश्चित भू-भाग से ताल्लुक है. अमेरिकी सैटेलाइट और उसके आधुनिक उपकरण ये पता लगाने में सक्षम हैं कि दुनिया के किसी भी भू-भाग पर क्या गतिविधियां हो रही हैं.
Geospatial डाटा के जरिए किसी निश्चित भूभाग में एक खास समय में आए बदलाव का पता लगाया जा सकता है. सामारिक महत्व की बात करें तो इस डाटा के विश्लेषण के जरिए किसी स्थान पर सैन्य जमावड़ा, हथियारों की तैनाती, भूभाग में बड़े बदलाव का पता लगाया जा सकता है. इससे सैन्य तैयारियों, बड़े स्तर पर निर्माण की जानकारी हासिल हो सकती है.
दुश्मन की युद्ध तैयारियों की मिलेगी जानकारियां
साफ है कि इस डाटा के जरिए भारत अपने आस-पास दुश्मन के किसी सैन्य तैयारियों का पता लगा सकता है और जरूरत पड़ने पर उसे नष्ट भी कर सकता है. इसलिए हमने ऊपर कहा है कि इस डील के ऑपरेशनल होने के बाद भारत के मिसाइल युद्ध जैसी स्थिति में और ज्यादा सटीक और मारक और लक्ष्यभेदी हो सकते हैं.
चीन के खिलाफ मददगार
भारत अमेरिका के साथ इस डील पर उस वक्त हस्ताक्षर कर रहा है जब चीन के साथ हमारे संबंध तनाव के उच्च स्तर पर हैं. चीन लगातार युद्ध की धमकियां दे रहा है और सीमाओं पर गैर जिम्मेदार रवैया अपना रहा है.
ऐसे में इस डील की वजह से भारत को सीमा पर चीन की सारी सैन्य गतिविधियों की जानकारी तस्वीरों और चार्ट के जरिए मिल सकेगी. मान लिया जाए कि चीन डोकलाम हो या लद्दाख के पार अपनी सीमा में किसी भी प्रकार का बड़ा मूवमेंट करता है तो भारत इससे अपडेट हो सकेगा. भारत को अमेरिका की मदद से किसी निश्चित भूभाग पर चीनी सैनिकों की संख्या, हथियारों की मात्रा, सैन्य तैयारियों का स्तर पता चलेगा.