आज एक और बैठक हो रही है, जिसमें जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक दल ‘गुपकार समझौते’ पर चर्चा कर रहे हैं. इसमें नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी समेत अन्य पार्टियों के नेता शामिल हो रहे हैं. ये बैठक नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला द्वारा बुलाई गई है. मीटिंग को देखते हुए वहां कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है.
जम्मू-कश्मीर में एक बार फिर राजनीतिक हलचल बढ़ गई है. बीते दिन जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को रिहा कर दिया गया, जिसके बाद पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेताओं की बैठक हुई. अब आज एक और बैठक हो रही है, जिसमें जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक दल ‘गुपकर समझौते’ पर चर्चा कर रहे हैं. इसमें नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी समेत अन्य पार्टियों के नेता शामिल हो रहे हैं.
ये बैठक नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला द्वारा बुलाई गई है, जिसमें उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती, सज्जाद लोन समेत वो नेता शामिल हो रहे हैं, जिन्होंने चार अगस्त 2019 को साझा बयान जारी किया था. फारूक अब्दुल्ला के घर हो रही इस खास बैठक में शामिल होने के लिए पीडीपी मुखिया और राज्य की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती पहुंच चुकी हैं. पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस के कई अन्य नेता भी पहुंचे हैं. मीटिंग को देखते हुए वहां कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है.गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने और नेताओं की रिहाई के बाद ये पहली बड़ी बैठक हो रही है. जिसमें जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक हालात पर मंथन किया जाना है. सभी नेताओं ने अनुच्छेद 370 हटाने को गलत ठहराया है और वापस इसे लागू करने की मांग की है
गौरतलब है कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद सरकार ने एहतियातन तौर पर कई नेताओं को नजरबंद किया था. इनमें फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती और सज्जाद लोन भी शामिल थे, जिन्हें अब रिहा कर दिया गया है. इसी के बाद घाटी में फिर से राजनीतिक हलचल बढ़ने लगी है.
महबूबा मुफ्ती ने अपनी रिहाई के बाद बयान दिया था कि जो दिल्ली ने हमसे छीना है वो हम वापस लेंगे और काले दिन के काले इतिहास को मिटाएंगे. इसके अलावा फारूक अब्दुल्ला ने भी बीते दिन कहा था कि चीन अनुच्छेद 370 वापस दिलाने में उनकी मदद कर सकता है.