पिछले महीने केरल में एक गर्भवती हथिनी को कुछ शरारती तत्वों ने अनानास में पटाखे भरकर खिला दिया था, जिसके कारण उसकी मौत हो गई। अब उसकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई है जिसमें इस बात की पुष्टि हो गई है कि उसकी मौत मुंह में लगे जख्मों के कारण हुई थी, जो पटाखे फूटने का परिणाम है।
वनवासियों द्वारा प्रारंभिक अटकलें लगाई गई थीं कि हथिनी ने या तो खुद पटाखों से भरा अनानास खाया या फिर उसे किसी ने खिलाया था। अपनी चोटों के कारण हथिनी दो हफ्ते से ज्यादा समय तक कुछ भी नहीं खा पाई और मलप्पुरम जिले की वेल्लियार नदी में थकान के कारण गिर गई।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कहा गया है कि उसकी मौत की असल वजह डूबना है। शनिवार को केरल सरकार ने घोषणा की कि उन्होंने मामले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है और अन्य की तलाश कर रही है। उन्होंने कहा कि वे अभी इस बात की जांच कर रहे हैं कि मौत किसानों की वजह से हुई या शिकारियों के कारण।
मृतक हथिनी की उम्र 15 साल बताई जा रही है। इस घटना पर उस समय विवाद बढ़ गया जब पूर्व केंद्रीय मंत्री ने मलप्पुरम जिले में जानवरों के इलाज को लेकर टिप्पणी की। बहुत से आलोचकों का कहना है कि मुस्लिम बहुत जिले में जानवरों के प्रति संवेदनशीलता कम है।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कहा गया है, ‘ओरल कैविटी (मुंह) में लगी चोटों के बाद घाव सड़ते गए। यह चोट संभावित रूप से पटाखों की वजह से लगी थीं। इसके परिणामस्वरूप उसे अत्यधिक दर्द और पीड़ा हुई और वह लगभग दो हफ्तों तक कुछ भी खाने-पीने में असमर्थ हो गई। अत्यधिक दुर्बलता और कमजोरी के कारण पानी में डूबकर उसकी मौत हो गई।’
रिपोर्ट में कहा गया है कि शव से किसी तरह की गोली या धातु नहीं मिली है। हथिनी का पोस्टमार्टम थिरुविझामकुन्नु वन में किया गया। मन्नारकाड़ वन प्रभाग ने पुष्टि करते हुए कहा कि हथिनी दो महीने की गर्भवती थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि पटाखों की वजह से उसके शरीर के अंदर कई ऊतकों (टिश्यूज) को नुकसान पहुंचा था। इसके अलावा उसके दोनों तरफ के जबड़ों को भी नुकसान पहुंचा था।