कोरोना से बचाव के लिए लॉकडाउन को लागू किए 44 दिन हो चुके हैं। ऐसे में सबसे बड़ी दिक्कत उन उद्यमियों के सामने खड़ी हो गई है, जिनकी कंपनियां लगभग डेढ़ महीने से हैं। वहीं, मजूदरों के पलायन के चलते लॉकडाउन खुलने के बाद भी इस समस्या से निजात मिलती नहीं दिखाई दे रही है। यही कारण है कि जहां दिल्ली और हरियाणा के सरकारें पूरा जोर लगा रही हैं कि मजदूर अपने घरों को न लौटें। वहीं, मप्र, छग में कई तरह की छूट देकर उद्यमियों को कुछ राहत दी गई है
दिल्ली और हरियाणा सरकार नहीं चाहती कि श्रमिक अपने घरों को वापस लौटें। सरकार की इस सोच में उद्योगों के साथ-साथ मजदूरों का हित छिपा है। क्योंकि सरकारों का मानना है कि किसी भी प्रदेश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ उद्योग धंधे होते हैं और उद्योग धंधों की रीढ़ श्रमिक। ऐसे में अगर श्रमिक चले गए तो उद्योग बंद हो जाएंगे। ऐसे में अर्थव्यवस्था को तो नुकसान होगा ही।