आईएएस श्रृजना का कहना है कि वह मैटरनिटी लीव पर थीं लेकिन उनका मन नहीं लग रहा था। वह एक जिम्मेदार अधिकारी के तौर पर घर में नहीं रुक सकती थीं। उन्होंने अपने मातृत्व के साथ ही फर्ज को भी अहमियत दी। श्रृजना ने बताया कि उन्होंने अपनी छुट्टियां निरस्त कर दीं और वापस काम पर लौट आईं। वह अपने 22 दिन के बच्चे को घर पर नहीं छोड़ सकती थीं इसलिए सारे सावधाऩी के साथ दफ्तर पहुंच गईं।
श्रृजना ने कहा कि जब प्रदेश के मुख्यमंत्री दिनरात मेहनत कर रहे हैं तो वह अपनो थोड़ा योगदान क्यों नहीं दे सकतीं। उनके फर्ज को निभाने में उनका परिवार भी योगदान कर रहा है। सृजना ने बताया कि सबके कहने के बाद अब वह बच्चे को घर पर छोड़कर आ रही हैं। उन्होंने फैसला लिया है कि हर चार घंटे में जाकर बच्चे को फीड कराएंगी। इन दिनों उनके वकील पति भी बच्चे की देखरेख में लगे हैं।