दीपं ज्योति परम् ज्योति, दीप ज्योतिर्जनार्दन:। दीपो हरतु मे पापम् , दीपज्योतिर्नमोस्तुते।।
शुभम् करोति कल्याणम् आरोग्यम् धन सम्पदा शत्रुबुद्धि विनाशाय दीपज्योति नमोस्तुते।।
प्रधानमंत्री के आह्वान पर ‘पांच अप्रैल को रात्रि नौ बजे नौ मिनट के लिए’ घरों के बाहर दीयों का प्रकाश फैलाने को देश उसी तरह आतुर हो उठा है, मानो दिवाली मनने जा रही हो। प्रधानमंत्री का एक आह्वान 130 करोड़ भारतवंशियों के लिए क्या मायने रखता है, यह दुनिया देख और सुन चुकी है। घंटी-घंटा-थाली-ताली-शंख से उत्पन्न भारतीयता की अथाह अजेय इच्छाशक्ति का वह महानाद विश्वभर में गुंजायमान हुआ। कल जब घर-घर ‘दिवाली’ मनेगी और देश दीयों से जगमगा उठेगा, तब वह उत्साह और आत्मबल का प्रतीक वह प्रकाश कोरोना पर निश्चित ही भारी पड़ेगा। कैसे, बता रहे विज्ञानी और विशेषज्ञ।
यह तो नहीं कहूंगा कि दीये जलाने से कोरोना वायरस नष्ट होंगे, लेकिन यह जरूर है कि सरसों के तेल में ऐसे तत्व होते हैं, जिनके ज्वलन और वातावरण में मौजूद रसायनों से प्रतिक्रिया स्वरूप विषैले तत्वों, कीट-पतंगे, रोगाणु आदि की मारने की शक्ति होती है। यह दिवाली के पीछे का वैज्ञानिक कारण भी हो सकता है। रसायनविज्ञान भी इस बात की पुष्टि करता है।
Posted By- Brijesh Kumar