लखनऊ।यूपी सरकार ने रास्ते में फंसे लोगो को घर तक पहुचने के लिर 1000 बसों की व्यवस्था की है। लोकनिर्माण टाइम्स लोगो से अपील करती है कि ये बसे रास्ते में फंसे है उनके लिए ही है। जो लोग अपने घरों में है उन लोगो के लिए यह सुविधा नही है।
देश में Lockdown के बीच पिछले दो तीन दिनों से दिल्ली, मुंबई, गाजियाबाद, नोएडा समेत अन्य बड़ी शहरों में मजदूरी और नौकरी के लिए गए कामगारों के पैदल ही अपने गांव लौटने की घटनाएं सामने आने के बाद यह आंकड़ा 28 तारीख तक हजारों की संख्या में पहुंच गया है। हालांकि, दिल्ली व अन्य राज्यों की सरकारें इन लोगों के रहने और खाने का इंतजाम कर रही हैं लेकिन इसके बावजूद भारी संख्या में ये मजदूर औ कामगार पैदल ही सैकड़ों किलोमीटर का सफर करते हुए अपने-अपने गांवों को रवाना हो गए हैं।
यूपी सरकार की हेल्प लाइन नंबरों पर फोन कर पाएं मदद
दिल्ली में स्थित उत्तर प्रदेश भवन में यूपी निवासियों के लिए एक कंट्रोल रूम की स्थापना की गई है जो 24 घंटे मदद के लिए उपलब्ध रहेगी। दिल्ली या किसी अन्य राज्यों में फंसे यूपीवाले 011-26110151, 26110155 और 9313434088 इन नंबरों पर फोन करके सहायता प्राप्त कर सकते हैं। बता दें कि लॉकडाउन के चलते सबकुछ बंद होने से दिहाड़ी मजदूरों के सामने रोजी-रोटी की बड़ी समस्या आ गई है जिस कारण वह पैदल ही सैंकड़ों किलोमीटर का सफर कर अपने मूल निवास पर पहुंच रहे हैं।
इसके बाद जहां मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने सभी राज्यों को खत लिखते हुए मध्यप्रदेश के रहने वाले मजदूरों और कामगारों के लिए रहने और खाने की व्यवस्था करने की अपील की है वहीं राज्य सरकार ने हेल्पलाइन नंबर 0755-2708030 और 0755-2708003 भी जारी किए है। आप अगर परेशानी में हैं तो कृपया इन नंबर पर बात कर सकते हैं।
वहीं दिल्ली व अन्य राज्यों से पलायन कर लौट रहे हजारों की संख्या में लोगों को वापस लाने के लिए यूपी राज्य परिवहन के एमडी राज शेखर ने खत लिखकर गाजियाबाद से यूपी के लोगों का लाने के लिए अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा है कि सभी अधिकारी तुरंत दफ्तर पहुंचे और 1000 बसों का इंतजाम करते हुए पैदल आ रहे लोगों को उनके घरों तक पहुंचाने का इंतजाम करें।
कोई रिक्शा तो कोई पैदल ही निकल पड़ा सैकड़ों किमी के सफर पर
राजधानी दिल्ली और आसपास के शहरों में मजदूरी करने आए हजारों लोग काम और खाने की तंगी के कारण अपने-अपने शहरों को लौटने लगे हैं। अब तक जिनकी संख्या गिनी चुनी थी वो अब हजारों में हो गई है। कोई रिक्शा तो कोई कोई पैदल ही रवाना हो गया है। पश्चिम बंगाल के रहने वाले पंचु मंडल भी अपने साथी के साथ रिक्शा पर ही पश्चिम बंगाल के लिए रवाना हो गए। उन्हें अपने घर पहुंचने के लिए 7 दिन का सफर करना था लेकिन पुलिस ने उन्हें अक्षरधाम फ्लायओवर से यह कहते हुए लौटा दिया कि उनके जाने के लिए बसों का इंतजाम किया जा रहा है।
इसी तरह नेशनल हाईवे-24 पर पदयात्री पानी के रेले की तरह नजर आ रहे हैं। दिल्ली और हरियाणा के मजदूरों ने भी पैदल यात्रा शुरू की है। इनमें से एक युवक आशीष ने बताया कि वो हरियाणा के बहादुरगढ़ से आ रहा है और उसे 359 किमी का सफर तय करके ईटावा जाना है। कंपनी बंद है और खाने को कुछ नहीं इसलिए घर जा रहे हैं।