अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर रविवार को पहली बार महिलाओं ने पूर्वोत्तर रेलवे (एनईआर) के पैंसेजर ट्रेन की कमान संभाली। प्लेटफार्म नंबर दो से गोरखपुर- नौतनवां पैसेंजर ट्रेन को लेकर जब महिलाओं की टीम रवाना हुई तो दुनिया ने उनके साहस और जज्बे को सलाम किया। ट्रेन के संचालन से लेकर टिकट चेकिंग, सुरक्षा व स्वच्छता की जिम्मेदारी भी महिला रेलकर्मियों ने सफलता पूर्वक निभाई।
गोरखपुर-नौतनवां पैसेंजर ट्रेन को लेकर रवाना हुई महिला कर्मियों की टीम
सुबह 8.05 बजे के आसपास 55141 नंबर की पैसेंजर ट्रेन के इंजन पर लोको पायलट समता कुमारी ने जैसे ही इशारा किया सहायक लोको पायलट श्रीनी श्रीवास्तव के हाथों में हरी झंडी लहराने लगी। ट्रेन के पीछे से गार्ड जागृति त्रिपाठी ने भी हरी झंडी दिखाकर ट्रेन को सिग्नल दे दी। ट्रेन के सिटी की आवाज ने स्टेशन परिसर में तैनात महिला कर्मियों में नया जोश भर दिया। इसके बाद ट्रेन धीरे-धीरे प्लेटफार्म पर आगे बढऩे लगीं।
महिलाओं ने निभाई संचालन, टिकट चेकिंग, सुरक्षा व स्वच्छता की जिम्मेदारी
टिकट निरीक्षकों और सुरक्षाकर्मियों ने भी बोगियों की जिम्मेदारी संभाल ली। आरपीएफ इंस्पेक्टर अंजुलता द्विवेदी के नेतृत्व में महिला सुरक्षाकर्मियों ने एक-एक बोगियों की सुरक्षा अपने हाथों में ले लीं। यात्रियों से भरी ट्रेन नौतनवां के लिए रफ्तार पकड़ ली। टिकट निरीक्षक किरन, ज्योति शुक्ला, सरिता लाकड़ा, सरोजनी यादव और रेखा झा ने यात्रियों का टिकट चेक करना शुरू कर दिया।
रेलवे प्रशासन की यह पहल सराहनीय है। समाज में एक अच्छा संदेश जाएगा। जिम्मेदारी पाने के बाद हमें भी अपने आप पर गर्व हो रहा है। अपनी प्रतिभा को साबित करने का मौका भी मिला है। – किरन, टिकट निरीक्षक
अब तो महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़कर अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर रही हैं। आने वाले दिनों के लिए यह शुभ संकेत है। महिलाओं के आगे आने से ही समाज और देश का विकास संभव है। – ज्योति शुक्ला, टिकट निरीक्षक।