होली का मौका हो और गुझिया की बात न हो, यह मुमकिन नहीं। इस त्योहार की मिठास स्वादिष्ट गुझिया से और भी बढ़ जाती है। बिजी लाइफ स्टाइल और नौकरी के चलते अब लोगों के पास घर में गुझिया और नमकीन बनाने का समय ही नहीं मिलता तो आप बाजार से भी मनचाही गुझिया खरीद सकती हैं। बाजार में हर दाम की गुझिया मौजूद है। चिप्स, पापड़ और नमकीन का बाजार भी खिल उठा है। शुक्रवार को रंग एकादशी के साथ ही घरों में गुझिया बनाने का काम शुरू करने की परंपरा है। इसे लेकर बाजार में भी रौनक दिखने लगी है।
होली पर हफ्तों पहले ही लोग आर्डर देने लगते हैं। स्वाद के साथ हम हाइजीन का भी खास ध्यान रखते हैं। शुद्ध खोवा से बनी देशी घी की गुझिया 800 रुपये व रिफाइंड में तैयार गुझिया 700 रुपये प्रति किलो है। हजरतगंज के नामी दुकानदार पंकज गुप्ता ने बताया कि मेवा युक्त गुझिया 800 रुपये प्रति किलो मौजूद है। नवरत्न गुझिया खास है। इसके अलावा चाकलेट के साथ ही सोने की गुझिया भी बाजार मौजूद है। गोमतीनगर के दुकान पर सोने की गुझिया 50 हजार रुपये प्रति किलो है। देशी घी, रिफाइंड और देशी घी व रिफाइंड मिक्स करके खोवा व मेवायुक्त गुझिया तैयार हो रही हैं। दुकान और गुझिया में प्रयोग होने वाले सामानों के हिसाब से गुझिया का रेट भी निर्धारित किया गया है। पिस्ता की बनी गुझिया दो हजार से ढाई हजार रुपये प्रति किलो है तो बफर स्कट, कैपिचिनों, मेवा गुझिया, आल्मंड बर्फी व कैरेमल क्रंच 900 रुपये से लेकर 1800 रुपये प्रति किलो है। इंदिरानगर की सिद्धी जायसवाल ने बताया कि महंगी दुकानों के बजाए ज्यादातर लोगों को महिलाओं के हाथ की बनी गुझिया पसंद हैं। वहीं आकांक्षा मठरी केंद्र में गुझिया व नमकीन खरीदने वालों की भी भीड़ लगी हुई है।
बढ़ गया खोवा का दाम
होली नजदीक आते ही खोवा मंडी में भी दाम बढ़ गए हैं। दुकानदास राम सकल ने बताया कि गाय का खोवा 300 से 500 रुपये प्रति किलो है जबकि दानेदार सफेद खोवा 250 से 350 रुपये प्रति किलो है। हालांकि पराग का खोवा 350 रुपये में जरूर मिल रहा है, लेकिन इसे लेकर बूथों पर मारामारी है। पहले से बुकिंग कराने वालों को ही मिल रहा है।
चिप्स, पापड़ और नमकीन भी खास
होली पर चिप्स, पापड़ और नमकीन की दुकानों पर भी अब भीड़ दिखने लगी है। आलमबाग के अशोक केवलानी ने बताया कि चिप्स के साथ ही ब्रांडेड पापड़ के अलावा नमकीन की कई वैराइटियां मौजूद हैं। 150 रुपये से लेकर 900 रुपये किलोक नमकीन उपलब्ध है तो काजू, पिस्ता युक्त नमकीन एक हजार से 1800 रुपये प्रति किलो बिक रही है।
गिफ्ट की दुकानें भी सजी
गिफ्ट के बगैर होली अधूरी सी लगती है। इसे लेकर बाजारों में भी रौनक दिखने लगी है। खास बात ये है कि इस बार चाइनीज से दूर परंपरागत गिफ्ट बाजार में मौजूद हैं। जनपथ की एक चूडिय़ों की दुकानदार रूपाली रस्तोगी ने बताया कि ये ब्रेसलेट बाजारों में विशेष रुप से होली के लिए तैयार की गई हैं। गुड लक प्लांट के साथ ही शीशे के पॉट में साफ्ट बांबू की पत्तियां भी आकर्षण का केंद्र हैं। होली पर लोग इलेक्ट्रॉनिक्स के आइटम भी खूब खरीद रहे हैं। बाजार में गारमेंट्स सेक्टर व साज-श्रृंगार के सामान की अच्छी डिमांड बनी हुई है। आकर्षक डिजाइन की साडिय़ां व सलवार सूट और बच्चों के परिधानों की दुकानों पर भी लोग खरीदारी कर रहे हैं। वहीं क्राकरी के और टी सेट के अलावा प्रिंटेड कप भी लोग बनवा रहे हैं। 150 से 250 तक में मनचाही फोटो भी छपवा सकते हैं।
सुबह से शाम तक गुलजार हैं बाजार
नवाबी नगरी होली के हुड़दंग के लिए पूरी तरह तैयार हो चुकी है। रंगों के पर्व की होली को लेकर लखनऊ के सभी प्रमुख बाजारों में धूम मची है। घर से लेकर बाजार तक उल्लास के रंग दिखने रहे हैं। लखनऊ में भले मॉल खुल गए हैं, लेकिन पुराने बाजारों में ग्राहकों की भीड़ में कोई कमी नहीं है। वहीं, मोलभाव करने में अगर आप निपुण हैं तो इन बाजारों में खरीदारी और भी फायदेमंद होती है। अमीनाबाद, चौक, निशातगंज, कपूरथला, भूतनाथ, आलमबाग, पत्रकारपुरम जैसे चुनिंदा बाजारों का रुख कर रहे हैं। ये बाजार होली की स्पेशल थीम से सज चुके हैं।
लुभा रहे नए फ्लेवर वाले गुलाल
लेमन ग्रीन, एप्पल, स्ट्राबेरी व आरेंज फ्लेवर में मौजूद गुलाल इस बार आपकी होली को रंगीन बनाने के साथ ही त्वचा को सुरक्षित भी रखेंगे। कृष्णानगर में रंगो और पिचकारियों की दुकान लगाने वाले राजेश कुमार ने बतायाकि 150 रुपये से 350 रुपये तक की कीमत के ब्लास्टर्स और पापर्स यंगस्टर्स को खांस पसंद हैं। रंग-बिरंगी विग भी 150 रुपये से 200 रुपये तक हैं। होली पर गुझिया की मांग को देखते हुए पारंपरिक गुझिया के साथ ही खोवा, काजू, पिस्ता, बादाम, जाफरान से कई वैराइटी तैयार की गई हैं। डायबिटीज के मरीजों के लिए शुगर फ्री और बेक्ड गुझिया भी खूब बिक रही है। होली के लिए बच्चों में खासतौर से उत्साह दिख रहा है। बच्चे नई व आकर्षक पिचकारियां खरीदने में मशूगल नजर आए।