नई दिल्ली- एक तरफ दुनिया के 70 से ज्यादा देश खतरनाक Coronavirus (कोरोना वायरस) से जूझ रहे हैं। दुनियाभर में कोरोना वायरस या कोविड-19 (COVID-19) से संक्रमित लोगों की संख्या 95 हजार का आंकड़ा पार कर चुकी है, जबकि 3200 से ज्यादा मौतें हो चुकी है। चीन से शुरू हुआ कोरोना वायरस दुनिया के अन्य देशों में भी तेजी से फैलता जा रहा है। भारत समेत दुनिया के तमाम देशों में इस वायरस को लेकर लोग दहशत में हैं। ऐसे में संयुक्त राष्ट्र (UN) के एक और अलर्ट ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। यूएन ने अपने ताजा अलर्ट में कहा है कि कोरोना वायरस से केवल इंसानों को ही नहीं, बल्कि इंटरनेट डिवाइस को भी खतरा है। हैकर्स इस वायरस का डर दिखा, इंटरनेट के माध्यम से लोगों को शिकार बना रहे हैं।
यूएन की स्वास्थ्य एजेंसी, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने दुनिया भर में कोविड-19 के बढ़ते मामलों को देखते हुए चेतावनी जारी की है। इस चेतावनी में बताया गया है कि इस खतरनाक महामारी के फैलने का फायदा अब साइबर अपराधी उठाने की कोशिश कर रहे हैं। ये लोग इंटरनेट के माध्यम से खुद को संयुक्त राष्ट्र व विश्व स्वास्थ्य संगठन जैसी संस्थाओं का प्रतिनिधि बताकर लोगों से आर्थिक मदद मांग रहे। हैकर्स कोरोना वायरस से लड़ने के लिए केवल लोगों को आर्थिक नुकसान ही नहीं पहुंचा रहे, बल्कि उनका गोपनीय डाटा भी चोरी कर रहे हैं।
कई तरह के हैं खतरें
कोरोना वायरस के नाम पर लोगों को शिकार बनाने के लिए सोशल मीडिया और ईमेल आदि का सहारा लिया जा रहा है। इसके जरिए लोगों से प्रभावितों की आर्थिक मदद के लिए सीधे धन की मांग की जा रही है। इसका खतरा केवल यहीं तक सीमित नहीं है। हैकर्स गोपनीय जानकारी चुराकर आपके बैंक खाते अथवा ई-वॉलेट में सेंध लगाने की भी फिराक में हैं। ऐसा करके हैकर्स आपका पूरा बैंक खाता या ई-वॉलेट खाली कर सकते हैं। इतना ही नहीं ईमेल व मैसेज के जरिए वायरस भेजकर साइबर क्रिमिनल आपका इंटरनेट डिवाइस (मोबाइल, लैपटॉप, डेस्कटॉप, टैब आदि) हैक भी कर सकते हैं। इसके बाद हैकर्स द्वारा आपको ब्लैकमेल भी किया जा सकता है। हैकर्स विदेश में रह रहे आपके किसी करीबी को कोरोना वायरस होने का डर दिखाकर उसके लिए आर्थिक मदद मांगने के नाम पर भी ठग सकते हैं। यही वजह है कि यूएन की तरफ से लोगों से अपील की गई है कि वह कोरोना वायरस के नाम पर हो रही ऑनलाइन धोखाधड़ी से सावधान रहें।
संदेह होने पर क्या करें
यूएन एजेंसी ने अलर्ट किया है कि अगर किसी व्यक्ति को इस तरह का ईमेल या मैसेज प्राप्त होता है तो वह जल्दबाजी में न आएं। ऐसे लोगों के चंगुल में फंसने की जगह लोगों को पहले इस तरह के संदेशों की सही से जांच करनी चाहिए। ऐसे कई मामले आ चुके हैं, जिसमें लोगों से लॉग-इन संबंधी जानकारी पूछी जा रही है। लोगों को अज्ञात नाम-पते से ईमेल-अटैचमेंट भेजे जा रहे हैं। बड़े शातिराना तरीके से साइबर क्रिमिनल लोगों को स्वास्थ्य संगठन की जगह अन्य वेबसाइट पर क्लिक करने को कह रहे हैं। इन वेबसाइट पर लोगों से फंडिंग की अपील और आपात राहत प्रयासों के लिए धनराशि दान करने की अपील की जा रही है।
फिशिंग मेल से बचें
लोगों से धोखाधड़ी करने के लिए भेजी जा रही मेल को फिशिंग मेल कहा जाता है। पहली बार देखने में ऐसा प्रतीत होता है कि ये मेल विश्व स्वास्थ्य संगठन अथवा यूएन की तरह से ही मदद के लिए भेजी गई है। इस तरह की मेल में एक लिंक देकर उस पर लॉग इन बनाने और आर्थिक मदद करने को कहा जा रहा है। इसके जरिए आपसे अवैध तरीके से रुपये तो लिए ही जाते हैं, लॉग इन बनवाकर आपकी गोपनीय जानकारी भी चोरी की जाती है। कई बार दिए गए लिंक पर क्लिक करते ही ई-वायरस आपके डिवाइस पर कब्जा कर लेता है।
ऑनलाइन फ्रॉड से कैसे बचें
कोविड-19 संबंधी संदेश बेजने वाले ईमेल एड्रेस की जांच करें।
– मेल यै मैसेज पर प्राप्त होने वाले किसी भी लिंक पर क्लिक करने से पहले उसे जांच लें।
– किसी भी तरह की निजी जानकारी साझा करने से बचें।
– कोरोना वायरस के खिलाफ मदद संबंधी किसी भी लिंक पर जांच किए बिना लॉग इन न करें।
संदेश में चाहे जितना भी डराने वाला संदेश हो जल्दबाजी न करें और न किसी दबाव में आएं।
– धोखाधड़ी की आशंका होने पर पुलिस से शिकायत कर, रिपोर्ट दर्ज कराएं।
– कोरोना वायरस संबंधी जानकारी देने वाले सभी स्रोत भरोसेमंद नहीं हैं।
– कोरोना वायरस के खतरे और बचाव को लेकर तमाम तरह की अफवाहें भी फैलाई जा रही हैं।
– बचाव के सही तरीके जानने के लिए WHO की वेबसाइट पर जाएं या भरोसेमंद स्रोत का सहारा लें।