मांगों को लेकर 22 दिसंबर से हड़ताल पर चल रहे पंचायत सेवा परिषद के बैनर तले कर्मचारी शनिवार को सड़क पर उतर गए। विकास भवन से जुलूस निकाल कर गोलघर होते जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे। जहां धरना प्रदर्शन और सभा कर अपनी मांगों को जायज ठहराया। मांगे नहीं मानने पर आंदोलन की चेतावनी दी।
शनिवार को पंचायत सेवा परिषद से जुड़े डीपीआरओ, एडीओ पंचायत, सफाई कर्मचारी विकास भवन में एकत्रित हुए। वहां से जुलूस की शक्ल में गोलघर , इंदिरा बाल बिहार होते हुए जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे। वहां पर विरोध प्रदर्शन और सभा की गई। परिषद के प्रदेश उपाध्यक्ष आरके भारती ने कहा कि हमारी सरकार से तीन मांगे हैं। जिसमें एक अगस्त के शासनादेश को निरस्त किया जाए। पंचायतराज विभाग को ग्राम्य विकास के नियंत्रण से मुक्त किया जाए। क्षेत्र पंचायत स्तर पर सहायक विकास अधिकारी के कार्यालय को पूर्व की भांति बहाल किया जाए। ग्रामपंचायतों में सचिव के पद पर तैनात ग्राम्य विकास अधिकारियों को हटाया जाए। यदि उनकी जायज मांगों को नहीं मानीं गईं तो अनिश्चित कालीन हड़ताल पर चले जाएंगे।
उन्होंने कहा कि 22 से पूरा पंचायत विभाग काम बंद कर हड़ताल पर है। बावजूद इसके सरकार ने इसको गंभीरता से नहीं लिया। कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन डीएम को दिया। धरना प्रदर्शन में आर के मिश्र, इंद्रमणि चौधरी, जगबंश कुशवाहा, सलीमुल्लाह, लियाकत अली, शत्रुघभन तिवारी, शैलेश राय, राघवेंद्र प्रताप सिंह, बहादुर प्रसाद गुप्ता, कृपाशंकर सिंह, रेखा मौर्य, अनुकूल प्रसाद, श्रवण कुमार श्रीवास्तव, सहित अन्य कई लोग थे।