हिमाचल प्रदेश और बाहरी राज्यों में स्थित 122 सरकारी और निजी शिक्षण संस्थानों में पढ़ने वाले अनुसूचित जाति के 1082 विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति पर संकट खड़ा हो गया है। डिग्री कॉलेज, पालीटेक्निक कॉलेज और आईटीआई में पढ़ने वाले इन विद्यार्थियों के पोस्ट मैट्रिक अनुसूचित जाति छात्रवृत्ति योजना के तहत आवेदनों की हार्ड कॉपी उच्च शिक्षा निदेशालय में जमा नहीं करवाई गई है। शिक्षा निदेशालय ने इन संस्थानों के प्रभारियों को नोटिस जारी कर 26 फरवरी तक दस्तावेज जमा करवाने का अंतिम मौका दिया है।
संयुक्त निदेशक उच्च शिक्षा राकेश भारद्वाज ने बताया कि 31 मार्च को वित्तीय वर्ष 2019-20 समाप्त होने के बाद छात्रवृत्ति जारी नहीं की जाएगी। इसके लिए शिक्षण संस्थानों के प्रभारी जिम्मेवार होंगे। प्रदेश में 250 करोड़ से अधिक राशि का छात्रवृत्ति घोटाला सामने आने के बाद से उच्च शिक्षा निदेशालय ने धनराशि जारी करने की प्रक्रिया को सख्त कर दिया है। अब ऑनलाइन आवेदनों के साथ-साथ हार्ड कॉपी भी संस्थानों से मांगी जाती है। इन हार्ड कॉपी का ऑनलाइन आवेदनों से मिलान करने के लिए छात्रवृत्ति शाखा में विशेष कर्मचारी नियुक्त किए गए हैं।