यूपी एटीएस में एक बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है। आतंकी संगठन अलकायदा को लेकर आईबी मुख्यालय द्वारा भेजे गए अलर्ट को रफ पेपर के रूप में प्रयोग कर लिया गया।
लापरवाही का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि न्यायालय द्वारा एटीएस से मांगी गई एक रिपोर्ट के जवाब में आईबी के इनपुट का प्रिंट आउट जिस पेपर पर निकाला गया था, उसी पेपर के दूसरे साइड में न्यायालय द्वारा मांगी गई जानकारी प्रिंट कर भेज दी गई। मामला सामने आने के बाद एडीजी एटीएस डीके ठाकुर ने जांच के आदेश दिए हैं।
जानकारी के अनुसार पांच नवंबर को आईबी ने आंतरिक सुरक्षा को लेकर अलकायदा से मिली धमकी का इनपुट यूपी एटीएस से साझा किया था। इसमें टेलीग्राम और ट्विटर पर की गई पोस्ट का हवाला देते हुए सतर्कता बरतने के लिए कहा गया था।
आईबी की गोपनीय रिपोर्ट में यूपी के जिन शहरों को अलर्ट किया गया था उसमें अलीगढ़, बरेली, बहराइच, वाराणसी, अयोध्या, गोंडा और प्रयागराज का नाम शामिल था। आईबी ने यह इनपुट सभी राज्यों के साथ भी साझा किया।
दरअसल 25 अक्तूबर 2018 को सोनभद्र जिले के चोपन नगर पालिका के चेयरमैन इम्तियाज अहमद की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। इस हत्या में नक्सली संगठन का एरिया कमांडर कश्मीर पासवान मौके से कारबाईन के साथ पकड़ा गया था। मामला नक्सली संगठन से जुड़ा था, ऐसे में इसकी पड़ताल एटीएस ने भी की थी।
सुनवाई के दौरान सोनभद्र की एक अदालत ने एटीएस से इस बारे में आख्या मांगी थी। 14 नवंबर 2019 को एटीएस की ओर से जो आख्या दी गई उस के बैक पेज पर आईबी की वह गोपनीय रिपोर्ट थी, जिसे 5 नवंबर 2019 को सभी राज्यों के साथ साझा किया था। जबकि आईबी की रिपोर्ट का चेयरमैन की हत्या से दूर-दूर तक कोई लेना देना नहीं है।