बिहार में इस साल चुनाव होने हैं। इसीलिए पार्टियां एक-दूसरे पर आरोप लगातर जनता के वोटों को अपने पक्ष में करने की पुरजोर कोशिश कर रही हैं। यही वजह है कि राज्य की दो मुख्य पार्टियां जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) एक-दूसरे पर पोस्टर के जरिए निशाना साध रही हैं। नए साल के मौके पर जदयू ने राजद के 15 सालों पर निशाना साधते हुए ‘हिसाब दो हिसाब लो’ का पोस्टर लगाया था।
जिसके जवाब में राजद ने पोस्टर जारी किया है। जिसमें लिखा है- ‘झूठ की टोकरी, घोटालों का धंधा’। राजद प्रदेश कार्यालय के बाहर लगाए गए इस पोस्टर में केंद्र और राज्य सरकार पर निशाना साधा है। हालांकि खास बात यह है कि राजद के जवाबी पोस्टर किसी नेता-कार्यकर्ता का नहीं बल्कि पार्टी का अधिकृत पोस्टर है। इसे नीति आयोग की ओर से प्रमाणित होने का दावा भी किया गया है।
सरकार को लिया आड़े हाथ
राजद ने अपने पोस्टर में राज्य के साथ ही केंद्र सरकार को भी आड़े हाथ लिया है। देश में महंगाई होन का दावा करते हुए पार्टी द्वारा राफेल खरीद को लेकर सवाल उठाने के अलावा नीरव मोदी, ललित मोदी, विजय माल्या के देश छोड़कर भागने पर तंज कसा है। पोस्टर में केंद्र सरकार पर सूखा, शराब माफिया और घूसखोरी के आरोप लगाए गए हैं। केंद्र सरकार को जुमलों की टोकरी बताई गई है।
इसके अलावा पोस्टर के एक हिस्से में बिहार सरकार पर सृजन घोटाले को लेकर हमला किया गया है। राज्य की कानून व्यवस्था को लेकर सरकार पर निशाना साधा गया है। राजद का कहना है कि राज्य में हत्या, दुष्कर्म, लूट, महंगाई बढ़ी है। रोजी-रोजगार, छात्रवृत्ति, हर घर नल का जल आदि को लेकर सवाल खड़े किए गए हैं।
वास्तविक पोस्टर देखकर कांप जाएगी नई पीढ़ी:सुशील कुमार मोदी
बिहार के उपमुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने लालू-राबड़ी पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘यदि 1990-2005 के बिहार का वास्तविक पोस्टर बनाया जाए, तो वह इतना भयावह होगा कि नई पीढ़ी कांप जाएगी। जो लोग सच देखने का साहस रखते हों, उन्हें बिहार के हालात पर बनी दो फिल्में ‘गंगा जल’ और ‘अपहरण’ यू-ट्यूब से डाउनलोड कर अवश्य देखनी चाहिए। ये दोनों फिल्में भाजपा ने नहीं बनाई थीं।’
दूसरे ट्वीट में उन्होंने कहा, ‘लालू-राबड़ी शासित बिहार के बारे में जो पोस्टर लगाए गए हैं, उनमें न तो कुछ नया है, न कोई गलतबयानी की गई है। पोस्टर में डेढ़ दशक के अंधेरे दौर की कुछ ऐसी बातों की याद दिलाई गई है, जिनकी कठोर सच्चाई लोगों ने भोगी है। लालू प्रसाद बताएं कि उनके समय लाखों लोगों को पलायन क्यों करना पड़ा था?’