कहीं कैश न होने से लोगों को खाली हाथ मायूस होकर लौटना पड़ रहा है तो कहीं उन्हें पर्याप्त धनराशि नहीं मिल पा रही है। शुक्रवार को भी तमाम ग्रामीण बैंकों में कैश का संकट बना रहा। महरुआ प्रतिनिधि के अनुुसार क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक महरुआ शाखा में एक सप्ताह से कैश का संकट चल रहा है। शुक्रवार को धन-निकासी की उम्मीद लगाए लोग बड़ी संख्या में बैंक पहुंचे।
लंबी लाइन में लगने के कुछ समय बाद जब उनको जानकारी दी गई कि कैश नहीं है, तो उनमें आक्रोश फैल गया। एकजुट हुए उपभोक्ताओं ने बैंक के सामने हंगामा शुरू कर दिया। इससे पहले कि उपभोक्ता मार्ग जाम करते, सूचना पर पहुंची पुलिस ने उन्हें समझा-बुझाकर शांत कराया।
इसी प्रकार ऐनवा स्थित बड़ौदा उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक में भी पांच दिन से कैश न होने से शुक्रवार को उपभोक्ताओं में नाराजगी फैल गई। बैंक प्रशासन के विरुद्ध नारेबाजी करते हुए हंगामा शुरू कर दिया। मौके पर पहुंची पुलिस ने उन्हें समझा-बुझाकर मामला शांत कराया।
इसके अलावा जिला मुख्यालय से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों के ज्यादातर बैंकों में कैश की कमी के चलते उपभोक्ताओं को विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ा। जिला मुख्यालय पर एसबीआई, एचडीएफसी व एक्सिस बैंक को छोड़कर अन्य बैंकों से उपभोक्ताओं को पर्याप्त धनराशि नहीं मिल सकी।
इसी तरह जलालपुर, टांडा व आलापुर तहसील क्षेत्रों के भी ज्यादातर बैंकों में कैश की कमी के चलते उपभोक्ताओं को जरूरत भर की रकम नहीं मिल सकी। नोटबंदी के बाद से ही बेपटरी चल रही एटीएम सेवा शुक्रवार को भी उपभोक्ताओं का साथ नहीं दे सकी।
वैसे तो जिला मुख्यालय से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न बैंकों के 120 से अधिक एटीएम की स्थापना है लेकिन शुक्रवार को सिर्फ पांच एटीएम से ही धन-निकासी हो सकी। जिला मुख्यालय पर एचडीएफसी मुख्य शाखा व पटेलनगर स्थित एटीएम, फैजाबाद रोड स्थित एसबीआई से ही धन-निकासी हो सकी।
जलालपुर व टांडा में एचडीएफसी के एक-एक एटीएम से ही धन-निकासी हो सकी। नतीजतन धन-निकासी के लिए उपभोक्ताओं को एक एटीएम से दूसरे एटीएम का चक्कर लगाना पड़ा। एलडीएम अरुण कुमार सिंह ने बताया किबैंकों में आवश्यक धनराशि की उपलब्धता के लिए उच्चाधिकारियों से वार्ता की जा रही है। शीघ्र ही स्थिति में सुधार की संभावना है। एटीएम सेवा में भी शीघ्र ही सुधार होने की उम्मीद है।