ऑटोमोबाइल सेक्टर में मंदी का असर अब टाटा मोटर्स पर भी पड़ना शुरू हो गया है। देश की दूसरे नंबर की वाहन निर्माता कंपनी टाटा मोटर्स ने अपने 1,600 कर्मचारियों को जबरन रिटायरमेंट (वीआरएस) दे दिया है। टाटा मोटर्स के सूत्रों के अनुसार जबरन रिटायरमेंट विभिन्न विभाग के कर्मचारियों को दिया गया है।
सितंबर तिमाही में टाटा की गिरी बिक्री
सूत्रों के अनुसार, इस साल टाटा मोटर्स में कर्मचारियों की कटौती में आक्रमकता देखी गई है जो पिछले साल के मुकाबले ज्यादा है। इससे इतर कंपनी ने 1,600 लोगों को विभिन्न जगहों से निकाल दिया है। कर्मचारियों की लागत के मुकाबले कंपनी की कुल बिक्री सितंबर तिमाही में 10.7 फीसदी से गिरकर 5.9 फीसदी पर पहुंच गई है।
मारुति सुजुकी की घटी नेट सेल्स
टाटा मोटर्स की तुलना अन्य ऑटोमोबाइल कंपनियों से करें, तो पता चलता है कि मारुति सुजुकी में कर्मचारियों की लागत के मुकाबले यह आंकड़ा 4.9 फीसदी है। टाटा मोटर्स 2017 से ही कर्मचारियों की कॉस्ट में लगातार कमी कर रही है। इसके लिए वह कई ऑफर भी लेकर आ चुकी है। लेकिन इन ऑफर्स से स्थायी कर्मचारियों को दूर रखा गया था।
BS6 आने के बाद बिक्री में आई कमी
टाटा की मानें तो सितंबर तिमाही में टाटा मोटर्स के हैवी और मीडियम कमर्शियल व्हीकल्स की बिक्री में 59 फीसदी की कमी आई है। बीएस-6 मानक आने के बाद यह आंकड़ा आने वाले दिनों में और भी कम हो सकता है।
इंजीनियरिंग विभाग पर ज्यादा जोर
सूत्र ने बताया कि स्थायी कर्मचारियों को वीआरएस देने की योजना बनाई जा रही है। हालांकि, कंपनी का अधिक जोर इंजीनियरिंग विभाग पर है। इंजीनियरिंग विभाग में अन्य विभागों के मुकाबले ज्यादा कर्मचारी मौजूद हैं।