गोवा में चल रहे 50वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल के दौरान ही मुंबई में एक दर्दनाक हादसे में हिंदी सिनेमा के मशहूर साउंड एडिटर निमिष पिलांकर का निधन हो गया। हाउसफुल 4 और मरजावां जैसी फिल्मों में अपने काम के लिए वाहवाही बटोरने वाले निमिष इन दिनों काम के बोझ से जूझ रहे थे और लगातार काम कर रहे थे। डॉक्टरों के मुताबिक उच्च रक्तचाप (हाई ब्लडप्रेशर) की वजह से उनके दिमाग पर असर पड़ा और उनके दिमाग ने काम करने बंद कर दिया। निमिष सिर्फ 29 साल के थे।
निमिष को हिंदी सिनेमा में पहला बड़ा काम सलमान खान की फिल्म रेस 3 में साउंड एडिटिंग का मिला था। उनकी पहचान बेहद ऊर्जावान और मेहनती तकनीशियन की रही है। रेस 3 के बाद से वह जलेबी, केसरी, एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा जैसी फिल्मों में काम कर चुके हैं। जी5 पर हालिया रिलीज वेब सीरीज भ्रम के लिए भी निमिष को हाल के दिनों में दिन रात काम करते देखा गया।
निमिष के निधन पर हिंदी सिनेमा के किसी बड़े दिग्गज कलाकार, निर्माता या निर्देशक ने अब तक श्रद्धांजलि तो नहीं दी है, लेकिन फिल्मफेयर पत्रिका के संपादक रहे और कई कालजयी फिल्मों से जुड़े रहे लेखक, निर्देशक खालिद मोहम्मद ने इस मसले पर हिंदी सिनेमा को जमकर लताड़ा है। उनका कहना है कि हिंदी फिल्म इंडस्ट्री अब तक अपने तकनीशियनों के लए कुछ खास नहीं कर पाई है। न काम के घंटे तय हैं और न उन्हें वाजिब क्रेडिट ही कामयाबी में मिलता है। निमिष के साथ हुआ हादसे से फिल्म इंडस्ट्री को सबक लेना चाहिए।
गौरतलब है कि हिंदी सिनेमा में तकनीशियनों की अलग अलग करीब दो दर्जन ट्रेड यूनियनें हैं लेकिन इनमें से ज्यादातर का काम सिर्फ निर्माता निर्देशकों पर दबाव बनाने में लगा रहता है। इन संगठनों की तरफ से काम के घंटे तय करने की पहल तो होती है लेकिन उसे सख्ती से लागू करने की कोई व्यवस्था नहीं है।