रजवतिया देवी की दो पुत्रियां ही थी, जिनकी शादी हो चुकी है। वृद्धा का कोई पुत्र नहीं था, इसलिए वह अपने भतीजे देवेंद्र यादव के साथ ही रहती थी। गुरुवार को घटना की खुलासा करते हुए भीमपुरा एसओ राजनाथ यादव ने बताया कि थाना क्षेत्र के रूद्दी गांव निवासी मुख्य अभियुक्त सतेंद्र राजभर तथा सगे भतीजे देवेंद्र यादव को गिरफ्तार कर चालान कर दिया गया है।
वहीं पोती के निशानदेही पर घटना में प्रयुक्त कुल्हाड़ी भी बरामद की गई। पोती को सुधार गृह भेजा गया है। पुलिस की पूछताछ में अभियुक्त सतेंद्र ने बताया कि किशोरी से डेढ़ वर्ष से मेरा प्रेम प्रसंग चल रहा है। 16 दिसंबर 2016 को रात करीब आठ बजे मैं किशोरी से मिलने आया था। रजवतिया देवी ने हम दोनों को देख लिया और गालियां देने लगीं।
मैंने लोक लाज की वजह से रजवतिया का गला दबा दिया। तभी प्रेमिका ने बगल में मौजूद कुल्हाड़ी से अपनी दादी के चेहरे पर वारकर लहूलुहान कर दिया। जिससे उसकी मौत हो गई। इसके बाद मैं डर के मारे वहां से भाग गया। उधर, किशोरी ने पूछताछ में बताया कि दादी के चेहरे से खून बह रहा था। जिसे मैंने साफ किया और सोने चली गयी।
जब सुबह पापा ट्यूबवेल से आकर आवाज लगाने लगे तो मैंने उन्हें सारी बात बताई। पापा ने लाश को उठाकर ओसारे में बोरे में रख दिया। रजवतिया के भतीजे ने बताया कि बेटी को बचाने के लिए मैंने लाश को छुपा दिया था ताकि मौका पाकर इसे कहीं और ठिकाने लगा देता।