भोपाल, ब्यूरो। भोपाल जिला सहकारी केंद्रीय बैंक का निवेश घोटाला 118 करोड़ रुपए से बढ़कर 331 करोड़ रुपए तक जा पहुंचा है। बैंक ने ऐसी फाइनेंस और इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनियों में निवेश कर दिया, जो नियमानुसार गलत है।बैंक ने अडानी ग्रुप में 150 करोड़ रुपए और अन्य छोटी-छोटी कंपनियों में भी बैंक का पैसा निवेश किया है। अब इन राशियों को वापस लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। वहीं सहकारिता मंत्री डॉ. गोविंद सिंह ने निवेश घोटाले की जांच राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) को सौंपने के निर्देश दे दिए हैं।
सोमवार को आयुक्त सहकारिता की ओर से जांच के आदेश दे दिए जाएंगे। मामले में राज्य शासन ने सहकारिता विभाग के उपायुक्त और भोपाल सेंट्रल को-आपरेटिव बैंक के तत्कालीन प्रबंध संचालक आरएस विश्वकर्मा को निलंबित कर दिया है। विभाग ने शनिवार को निलंबन आदेश भी जारी कर दिए हैं। निलंबन अवधि में वे आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्थाएं कार्यालय में पदस्थ रहेंगे। ‘नईदुनिया’ ने शनिवार को ही इस संबंध में खबर प्रकाशित की है, जिसमें विश्वकर्मा पर गाज गिरने का जिक्र किया गया है।