UPSC IAS Interview questions: यूपीएससी 2018 परीक्षा में ऑल ओवर इंडिया में 53वी रैंक पाने वाले सुमित कुमार का इंटरव्यू करीब 25 मिनट तक चला था। पूरे इंटरव्यू के दौरान बिहार के जमुई जिले के रहने वाले सुमित कुमार से कई प्रश्न पूछे गए। तमाम सवालों में से एक था – ‘आप दहेज की समस्या से कैसे निपटेंगे।’ पढ़िए इस सवाल का सुमित ने क्या जवाब दिया?
आगे का इंटरव्यू पढ़ें सुमित कुमार की ही ज़ुबाऩी…
‘इंटरव्यू के दौरा मुझसे पूछा गया कि आप दहेज की समस्या को कैसे कम या खत्म करेंगे। मैंने कहा कि ये समस्या सामाजिक है। बच्चों को बचपन से ही सिखाना चाहिए कि पुरुष और महिलाएं, सब बराबर हैं। दोनों के समान अधिकार हैं। इसके बाद मुझसे हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियनियम से जुड़ा सवाल भी पूछा गया। पूछा गया कि क्या महिलाओं को इस एक्ट के तहत विरासत में मिली संपत्ति पर महिलाओं का अधिकार है? मैंने कहां हां, महिलाओं को इस एक्ट के तहत विरासत में मिली संपत्ति का अधिकार है।
इसके अलावा मुझसे मेरी वर्क प्रोफाइल के बार में पूछा गया। मैंने बताया कि डिफेंस एस्टेट सर्विसेस में किस तरह का वर्क होता है। मुझे TED Talks वीडियो देखने का भी शौक है, इस पर मुझसे सवाल पूछा गया। मुझसे पूछा गया TED Talks की वीडियो कैसे लोगों के जीवन को प्रभावित करती हैं। वीडियो में सफल लोग अपने जीवन का अनुभव शेयर करते हैं। उनकी सक्सेस स्टोरीज काफी प्रेरणादायी होती हैं। फिर मुझसे पूछा गया कि कोई भारतीय बताओ जिसने इस तरह की वीडियो से प्रभाव छोड़ा हो। मैंने अरुणाचलम मुरुगनाथम का उदाहरण दिया जिन्होंने किफायती सैनेटरी पैड्स बनाकर लाखों-करोड़ों महिलाओं की जिंदगी बदल दी। अक्षय कुमार की फिल्म पैडमैन उन्हीं की जिंदगी पर आधारित है। मुरुगनाथम का वीडियो देखकर मुझे काफी प्रेरणा मिली। इसके बाद मैंने कर्नाटक की आईपीएस डी. रूपा मॉडगिल का उदाहरण दिया। मैंने बताया कि कैसे रूपा मॉडगिल ने एक पुरुष प्रधान पुलिस के माहौल में अच्छा काम किया और अपना प्रभाव छोड़ा।
पहले भी क्रैक कर चुके हैं यूपीएससी
यूपीएससी परीक्षा 2017 में उन्होंने 493वीं रैंक हासिल की थी। उन्हें डिफेंस एस्टेट सर्विस कैडर मिला था। लेकिन वह IAS बनना चाहते थे, इसलिए उन्होंने अपनी तैयारी जारी रखी। सुमित ने सिविल सेवा परीक्षा 2017 के इंटरव्यू में 275 में से 140 अंक हासिल किए थे लेकिन सेवा परीक्षा 2018 के इंटरव्यू में उन्होंने 179 अंक हासिल किए। अच्छे अंकों की बदौलत वह अच्छी रैंक (53वीं) हासिल कर पाए। इससे पहले सुमित ने आईआईटी कानपुर से इंजीनियरिंग की। पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने प्रतिष्ठित कंपनी पीडब्ल्यूसी (प्राइसवॉटरहाउस कूपर्स) में दो साल तक काम किया। लेकिन मास इम्पेक्ट न होने के चलते उन्होंने जॉब छोड़ दी। इसके बाद वह यूपीएससी परीक्षा की तैयारी में जुट गए। इस बारे में सुमित बताते हैं, ‘हमारे कॉलेज में कुछ एलुम्नाई थे जो भारतीय प्रशासनिक सेवाओं में कार्यरत थे। उनसे बात करके मुझे पता लगा कि प्रशानिक सेवाओं से जुड़े पदों पर आप ज्यादा प्रभावी ढंग से कार्य कर सकते हो। करीब 10 से 12 लाख लोगों का आप एडमिनिस्ट्रेशन संभालते हो। साथ ही आईएस की जॉब में प्रतिष्ठा और सुरक्षा भी अच्छी मिलती है। सिविल सेवा में मास इम्पेक्ट करने का स्कोप है इसलिए मैंने पीडब्ल्यूसी की जॉब छोड़ी।’सुमित का ऑप्शनल विषय एंथ्रोपोलॉजी रहा। सुमित ने मैट्रिक (92.8 फीसदी अंक) की पढ़ाई गुरु गोविंद सिंह पब्लिक स्कूल (बोकारो) से की। और इंटर दिल्ली पब्लिक स्कूल (बोकोरो) से की। 2007 में मैट्रिक (92.8 फीसदी) तथा 2009 में 91.1 अंक हासिल कर 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की थी। इससे पहले सुमित ने 2016 में यूपीएससी की ओर से आयोजित की जाने वाली सीएपीएफ की परीक्षा में 50वीं रैंक हासिल की। असिस्टेंट कमांडेंट का ज्वॉइनिंग लेटर आना ही था कि इससे पहले यूपीएससी 493 रैंक का रिजल्ट आ गया। इसलिए मैंने असिस्टेंट कमांडेंट पद ज्वॉइन नहीं किया।