भोपाल (ब्यूरो) राजधानी के गोविंदपुरा क्षेत्र स्थित एक निजी स्कूल में 8वीं के बच्चे को सिर्फ इसलिए स्कूल का बाथरूम साफ करना पड़ा, क्योंकि उसके हाथ से वाश बेसिन टूट गया था। मामला सामने आने के बाद अभिभावकों ने पुलिस थाने और बाल अधिकार संरक्षण आयोग में शिकायत की है।बताया जाता है कि स्कूल के वॉशरूम में 8वीं कक्षा के छात्र का पैर फिसलने से वॉश बेसिन टूट गया। इसकी शिकायत शिक्षिका ने प्रिंसिपल से की। इस पर प्रिंसिपल ने बच्चे को वॉशरूम साफ करने की सजा सुनाई। बच्चे ने बाथरूम साफ करने से मना किया तो उसे स्कूल में बैठाए रखा गया।मामला गोविंदपुरा स्थित सेंट पीटर्स स्कूल का है। घटना की जानकारी अभिभावक को नहीं दी गई। दूसरे बच्चे के अभिभावक के हस्ताक्षर पर बच्चे को घर भेज दिया गया। दूसरे दिन बच्चा स्कूल जाने से इंकार करता रहा, लेकिन मां ने उसे स्कूल भेज दिया। जहां पर स्कूल में वॉशरूम में छात्र द्वारा गिरने के कारण वॉश बेसिन टूटने पर स्कूल प्रिंसिपल ने उसे बाथरूम साफ करने को कहा। प्रिंसिपल ने बच्चे को प्रेयर लाइन से अलग रखा और कक्षा के अंदर नहीं जाने दिया। ग्राउंड में खड़ा रखा और वॉशरूम साफ करने के लिए कहा, बच्चे ने मना किया तो उसकी मां को बुलाकर बच्चे की टीसी थमा दी।छात्र की मां यासमीन रजा ने कहा कि बच्चे को गिरने के कारण पीठ में चोट लगी थी, लेकिन स्कूल प्रशासन ने डॉक्टर को भी नहीं दिखाया और न ही मुझे जानकारी दी। बच्चे के पीठ में चोट लगी थी। जब मैं स्कूल पहुंची तो स्कूल प्रशासन से पूछा कि मैं बेसिन ठीक करा दूंगी, लेकिन बच्चे को प्रेयर के बाद चार घंटे तक खड़ा क्यों रखा गया? इस पर प्रिंसिपल ने पुलिस को स्कूल में बुला लिया। प्रिंसिपल हम दोनों पर स्कूल में हल्ला मचाने का आरोप लगाने लगी। मेरे ऊपर दबाव बनाकर मेरे दोनों बच्चों की टीसी और कॉपी-किताब देकर भगा दिया गया।स्कूल के खिलाफ बाल आयोग और ऐशबाग थाने में शिकायत की है। स्कूल प्रशासन ने दोनों बच्चों को पुलिस का दबाव दिखाकर टीसी देकर भगा दिया। दोनों बच्चे स्कूल जाने से वंचित हैं/