अमीनाबाद के कल्लन की लाट निवासी संजय (28) पुत्र गुरुप्रसाद की तबियत खराब थी। उसे क्लीनिक पर दिखाया। जहां डॉक्टरों ने पीलिया बताया। चार-पांच दिन इलाज किया। मगर फायदा नहीं हुआ। ऐसे में उसे शनिवार को उसे नक्खास के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। मौसेरी बहन रजनी के मुताबिक शनिवार सुबह 10 बजे भर्ती संजय को रविवार सुबह छह बजे मृत घोषित कर दिया गया। परिजन शव लेकर घर आ गए। यहां रिश्तेदारों का इंतजार किया जा रहा था। मोहल्लेवालों की भीड़ लग जुटी थी। साथ ही दाहसंस्कार की तैयारी हो गई थीं। अर्थी तैयार हो गई थी। सुबह 10 बजे के करीब अचानक उसके शरीर में हरकत हुई। थोड़ी देर में आंख खोली। यह देखकर मौजूद भीड़ घबरा गई। संजय ने थोड़ी ही देर में पानी के लिए इशारा किया। घर से एक कप पानी लाकर पिलाया गया। संजय के जीवित होने पर घर के लोग लेकर उसे बलरामपुर अस्पताल भागे। यहां इमरजेंसी में 11:10 पर लोग पहुंचे। डॉक्टरों ने यहां संजय को मृत घोषित कर दिया। परिजनों के मुताबिक निजी अस्पताल में मृत घोषित होने के बाद संजय का शरीर सफेद कपड़े से ढक दिया गया। इस दौरान उनके शरीर से पसीना लगातार आ रहा था। वहीं जब आंख खोली तो सभी देखकर हैरान रह गए। दाहसंस्कार के लिए जाने के बजाए सीधे बलरामपुर अस्पताल ले गए।