इंदौर, नगर प्रतिनिधि। मार्कशीट में छात्र के नाम के आगे श्रीमती प्रिंट होने और अधिकारियों के नहीं सुनने पर मंगलवार को एक छात्र ने यूनिवर्सिटी में हंगामा किया। छात्र और अधिकारियों में देर तक तीखी बहस होती रही। छात्र का कहना था मार्कशीट की गलती में यूनिवर्सिटी जिम्मेदार है। इसे सुधरवाने के लिए वह कोई शुल्क नहीं देगा। उसने कोर्ट जाने की धमकी भी दी।
एमबी खालसा कॉलेज से एलएलएम कर चुके छात्र धीरज दईगुडे की फाइनल सेमेस्टर की मार्कशीट में उसके नाम के आगे श्रीमती छप गया था। इसे ठीक करवाने के लिए वह फॉर्म भरने आया था, लेकिन गड़बड़ी सुधरवाने के बदले अधिकारियों ने प्रत्येक मार्कशीट के सौ-सौ रुपए जमा करने को कहा। इस पर वह छात्र सुनवाई में पहुंचा। उसका कहना था कम्प्यूटर सेंटर से हुई गड़बड़ी के बदले फीस वसूलना गलत है। प्रभारी रजिस्ट्रार वीके सिंह ने तर्क दिया कि फर्स्ट सेमेस्टर में भी यही गलती हुई तब क्यों नहीं आपत्ति ली। जवाब में छात्र इसकी जानकारी नहीं होने की बात कही। हालांकि अधिकारियों ने शुल्क जमा करने के बाद ही बदलाव करने की बात कही।
अच्छा पेपर किया, फिर भी फेल
एमबीए सेकंड सेमेस्टर में फेल छात्रों ने रिजल्ट में गड़बड़ी की शिकायत की। उन्होंने कहा अच्छे से हल करने के बावजूद ज्यादातर विद्यार्थी ऑपरेशन मैनेजमेंट और मार्केटिंग मैनेजमेंट विषय में फेल हो गए। अधिकारियों ने दस छात्रों की कॉपियों की सैंपल चेकिंग की बात कही और रिपोर्ट सात दिन में देने का आश्वासन दिया।
कई प्रश्नों के उत्तर ही नहीं जांचे
ओल्ड जीडीसी से बीएससी कर रही छात्राओं ने कहा सेकंड सेमेस्टर में पिछले साल एक विषय में एटीकेटी आई थी। दोबारा परीक्षा देने के बाद सेकंड सेमेस्टर में फिर से उसी विषय में रोक दिया। रिव्यू के दौरान कॉपी देखी तो पता चला कई प्रश्नों के उत्तर जांचे नहीं गए। अधिकारियों ने मूल्यांकन केंद्र से इन छात्राओं की कॉपियां बुलवाईं।