कई मामलो में आरोपी अंसल एपीआई पर सरकार ने कसा शिकंजा

एलडीए अब एपीआई अंसल पर कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है।शासन की तरफ से जारी निर्देश की प्रति मिलने के बाद एलडीए कार्रवाई करेगा।


तय समयसीमा के भीतर 9070 आवास तैयार नही करने के आरोप में आवंटियों ने शनिवार 9 सितम्बर को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सैकड़ों की संख्या में निवेशक अंसल एपीआई के मामले खिलाफ सड़क पर उतरे.
उधर एलडीए को जानकारी मिली है कि अंसल ग्रुप बनाए गए आवासों की बिक्री अलग अलग नाम की तीन विकास कर्ता कम्पनियो की मदद से बेच रहा है।अब इसकी भी जांच कराई जाएगी।
एलडीए उपाध्यक्ष प्रभु एन सिंह ने बताया कि अंसल के अधिकारियो से कहा गया है कि वह किसी तरह की बुंकिग न करे और न ही सम्पत्ति की विक्री करे ।इस बात की जांच कराई जा रही है कि अंसल अंसल किसी अन्य विकास कर्ता की फर्म पर सम्पत्ति की विक्री तो नही कर रहा है।
उन्होंने जानकारी दी कि अंसल के खिलाफ दी गई तहरीर पर पुलिस अधिक्षक से बात की जा रही है।

एसएसपी दीपक कुमार ने अंसल एपीआई के मार्केटिंग हेड राजेश राव को एसएसपी कैम्प ऑफिस बुलवाया था.
निवेशकों ने अपनी परेशानी बताते हुए अंसल एपीआई के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की.
आवास विभाग के अधिकारियों के मुताबिक अंसल के खिलाफ कार्रवाई पूरी होने के बाद बाकी डिवेलपरों के खिलाफ भी ऐसे ही सख्त कदम उठाए जाने की तैयारी है। इस साल अप्रैल में महीने शासन को भेजी गई रिपोर्ट के मुताबिक अंसल लखनऊ में 6465 एकड़ का लाइसेंस लेने के बावजूद अब तक केवल 2164 एकड़ जमीन ही खरीद पाया है, जबकि उसने इन जमीन का कागजों पर आवंटन कर रखा है।

अंसल के अलावा हाईटेक टाउनशिप का लाइसेंस पाने के बाद सहारा ने एक इंच जमीन भी नहीं खरीदी, जबकि उन्हें 1784 एकड़ जमीन का लाइसेंस मिला था। वहीं, गर्व बिल्डटेक भी 2700 एकड़ का लाइसेंस लेने के बावजूद अब तक केवल 331 एकड़ ही जमीन खरीद सके हैं। प्रदेश में बीजेपी सरकार बनने के बाद ही इस साल अप्रैल में ही आवास विभाग की तरफ से हाईटेक और इंटिग्रेटेड टाउनशिप की समीक्षा रिपोर्ट शासन को भेजी गई थी। एलएनटी के पास मौजूद दस्तावेजों के मुताबिक गरीब और मध्यम वर्ग को सस्ते मकान मुहैया कराने के नाम पर इन्हें जमीनें बांटी गईं, लेकिन आंकड़ों के मुताबिक इन्होंने तय लक्ष्य का 10 फीसदी ईडब्लूएस और एलआईजी मकान नहीं बनाए। रिपोर्ट के मुताबिक, गर्व बिल्डटेक को 5536 ईडब्लूएस और 5535 एलआईजी मकान बनाने थे, लेकिन मार्च तक एक भी ऐसे मकान नहीं बने थे। वहीं, सहारा की रिपोर्ट भी शून्य थी। अंसल ने 4504 ईडब्लूएस और 4566 एलआईजी मकान का दाव किया था, जबकि अब तक इन्होंने 765 ईडब्लूएस और 878 एलआईजी मकान ही पूरी तरह से बना सके हैं।

41 हजार एकड़ का लाइसेंस, खरीद पाए केवल नौ हजार एकड़

लखनऊ की तरह प्रदेश के आठ शहरों में हाईटेक टाउनशिप के नाम पर 35487 एकड़ और इंटिग्रेटेड टाउनशिप के नाम पर 5488 एकड़ जमीन डिवेलपरों को आवंटित कर दी। इतनी जमीनों पर आवासीय योजना लाने का लाइसेंस पाने के बाद यह डिवेलपर केवल नौ हजार एकड़ जमीन ही खरीद सके। शासन को भेजी गई रिपोर्ट के मुताबिक हाईटेक टाउनशिप को लेकर डिवेलपरों द्वारा खरीदी गई जमीनों

 

 

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