नैशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल ने आम्रपाली ग्रुप की सिलिकॉन सिटी को इनसॉल्वेंसी ऐक्ट के तहत दिवालिया घोषित करने की प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया है। फंड से जूझ रही बिल्डर कंपनी आम्रपाली के खिलाफ बैंक ऑफ बड़ौदा की याचिका पर सुनवाई करते हुए ट्राइब्यूनल ने यह आदेश दिया है। यही नहीं ट्राइब्यूनल ने डेलॉइटे के राजेश शर्मा को इनसॉल्वेंसी रिजॉलूशन प्रफेशनल के तौर पर अनिल शर्मा के स्वामित्व वाली कंपनी का नियंत्रण अपने हाथों में लेने का आदेश दिया है। इससे पहले ट्राइब्यूनल ने जेपी इन्फ्राटेक को दिवालिया घोषित करने की प्रक्रिया चलाने का आदेश दिया था, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल रोक लगा दी है।
जेपी इन्फ्राटेक के बाद आम्रपाली दूसरी ऐसी बड़ी रियल एस्टेट कंपनी है, जो दिवालिया घोषित किए जाने के कगार पर है। माना जा रहा है कि आम्रपाली के सिलिकॉन वैली प्रॉजेक्ट में निवेश करने वाले लोग इनसॉल्वेंसी ऐक्ट के तहत कार्रवाई का विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर सकते हैं। इस कानून के तहत कंपनी को दिवालिया घोषित करने की प्रक्रिया के दौरान इनसॉल्वेंसी प्रफेशनल के हाथ में प्रबंधन और काम रहता है। वह कर्जदाताओं के साथ मिलकर काम करता है और संपत्तियों को बेचने पर काम करता है।