बिना शोर-शराबे के 45 दिन में 5 रुपए प्रति लीटर बढ़े पेट्रोल के दाम

सरकार की नीतियों का सीधा असर आम आदमी की जेब पर पड़ रहा है. इसका जीता जागता उदाहरण है सरकार का ऑटोमेटेड सिस्टम है. इस सिस्टम के लागू होने के बाद 45 दिन में पेट्रोल की कीमत 5 रुपए बढ़ गई है. जबकि डीजल की कीमतों में 4 रुपए का उछाल आया है.

इंडियन ऑयल के मुताबिक 1 जुलाई से 15 अगस्त के बीच पेट्रोल की कीमतों में 5 रुपए की बढ़ोतरी हुई है. 1 जुलाई को दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 63.90 रुपए प्रति लीटर था. वहीं 15 अगस्त को पेट्रोल की कीमत 68.80 रुपए प्रति लीटर हो गई है. मतलब 45 दिनों में पेट्रोल के दाम 5 रुपए बढ़े हैं.

वहीं अगर जुलाई की बात करें तो पहले महीने में पेट्रोल की कीमतों में 2 रुपए उछाल आया तो दूसरे महीने यानी अगस्त में पेट्रोल के दाम 3 रुपए बढ़ गए हैं. इससे पहले जब भी पेट्रोल के दाम बढ़ाए जाते थे तो एक साथ बढ़ते थे, लेकिन ऑटोमेटेड सिस्टम के चलते रोजाना पेट्रोल की कीमतों की समीक्षा की जाती है. इसलिए रोजाना पेट्रोल-डीजल के दामों में बढ़ोतरी हो रही है.

हालांकि तेल कंपनियों ने अपनी सफाई पेश करते हुए बढ़ते दामों का ठीकरा इंटरनेशनल मार्केट पर फोड़ दिया है. उनका कहना है कि इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड की कीमतों में तेजी के कारण दामों में बढ़ोतरी हो रही है. कंपनियों के उच्चाधिकारियों का कहना है कि सरकार के साफ तौर पर कह दिया है कि पेट्रोल और डीजल की कीमतें सरकारी नियंत्रण से मुक्त हो चुकी हैं. ऐसे में इस पर सरकार कोई सब्सिडी नहीं देगी. अब कंपनियों को इनको मार्केट रेट पर ही बेचना होगा.

इसी तरह अगर डीजल की बात करें तो 1 जुलाई को डीजल की कीमत 53.33 रुपए प्रति लीटर थी, अब यह 57.36 रुपए प्रति लीटर पर पहुंच गई है. मतलब बिना किसी शोर के जनता की जेब पर इसका सीधा असर पड़ रहा है.

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