कांगड़ा में एक ऐसा गांव है, जहां जमकर नशे का व्यापार होता है और पुलिस भी गांव में जाने से कतराती है. पंजाब से सटे इस गांव छन्नी की आबादी 700 के करीब है. लोगों का कहना है कि रोजगार न होने की वजह से वे नशे का कारोबार करते हैं.
कांगड़ा के नए एसपी रमेश छाजटा ने बताया कि एक साल में छन्नी गांव में 100 लोगों के खिलाफ नशा तस्करी के मामले दर्ज किए हैं. जिसमे 25 महिलाएं भी शामिल हैं.
गांव में हर प्रकार का नशा उपलब्ध है. बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक नशे का व्यापार करते हैं. ‘न्यूज़-18’ की टीम ने ग्राउंड रिपोर्ट में गांव का हाल जाना तो लोगों ने बताया कि रोजगार ना मिलने से लोग इस व्यापार में हैं, यहां तक कि गांव के प्रधान का भी मानना है कि गांव के लोग नशे का व्यापार करते है.
जब न्यूज़-18 हिमाचल की टीम जब गांव में गई तो लोगों ने हथियार निकाल लिए. हालांकि जब हमारी टीम ने लोगों को समझाया तो वह शांत हुए और सब ने हथियारों को छुपा दिया. गांव की महिलाओं ने बताया कि इस गांव की 60% महिलाएं विधवा हैं.
उनका परिवार चलाने का कोई भी साधन नहीं है. इस वजह से वे नशा बेचती हैं. गांव की प्रधान का यही कहना है कि यहां के लोगों को रोजगार नहीं मिल पाता, जिसके चलते वह नशे का व्यापार करते हैं. लोग नशे का व्यापार करना छोड़ना चाहते हैं, लेकिन उन्हें कोई रोजगार का साधन नहीं है.
गांव के एक शख्स का कहना है कि लोग नशे के व्यापार को छोड़ना चाहते हैं, लेकिन सरकार को गाव के लोगों की मदद करनी चाहिए और रोजगार उपलब्ध करवाना चाहिए.
गांव के युवकों का कहना है कि छन्नी गाव में हर प्रकार का नशा मिला जाता है. नशे के व्यापार को खत्म करना चाहिए. बता दें कि इससे पहले, कांगड़ा में संजीव गांधी एसपी थे. उन्होंने यहां नशा तस्करों के नाक में दम कर दिया था. बाद में उन्हें यहां से बदल दिया गया. लोगों ने उनके तबादले का विरोध भी किया था.
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