अपने पहले संयुक्त बजट को पेश करने से पूर्व वित्तमंत्री जेटली ने कड़े तेवर दिखाते हुए कहा कि रेलवे की सेवाओं के लिए जनता को धन खर्च करना पड़ेगा। कोई भी सेवा फ्री नहीं होगी। साथ ही उन्होंने कहा कि पिछली सरकारें जनता को सब्सिडी देकर लोकलुभावन बजट देती रहीं हैं।
पहले भी ऐसा देखा गया है कि पॉवर और हाइवे को आउटसोर्स करने से जनता ने पैसा देना शुरू किया और कितना फायदा देखने को मिल रहा है यह सबको पता है। गौरतलब है कि सरकार ने पिछले 92 वर्षों से चली आ रही प्रथा को समाप्त करते हुए आम और रेल बजट 2017-18 को एक साथ पेश करने का फैसला लिया है।
इस बात की जानकारी वित्तमंत्री अरुण जेटली ने दी है। नोटबंदी के दौरान जेटली ने बताया कि बाजार में 18 लाख नोट बाजार में थे।
15 लाख 44 हजार के नोटों को बंद किया गया। अब नोटबंदी के बाद आए नोटों को बाजार में उतारा जाएगा। वहीं बैंक कर्मियों के घालमेल पर जेटली ने कहा कि बैंक प्रबंधन और सरकार एंजेसियां एक्शन ले रही हैं।