किर्गिस्तान में राष्ट्रपति की सबसे छोटी बेटी आलिया शागयीवा के अपने बच्चे को ब्रेस्टफ़ीड (स्तनपान) कराने की एक तस्वीर पिछले कुछ दिनों से चर्चा में हैं. इस तस्वीर में आलिया अंडरवेयर में हैं और अपने बेटे को दूध पिला रही हैं.
इसी साल अप्रैल में आलिया ने ये तस्वीर सोशल मीडिया पर पोस्ट की थी. तस्वीर के साथ उन्होंने लिखा था, “मेरे बेटे को भूख लगती है तो मैं कहीं भी और कभी भी उसे स्तनपान कराती हूं.”
इस तस्वीर के लिए उन पर अनैतिक व्यवहार के आरोप लगे जिसके बाद उन्हें ये पोस्ट डिलीट करनी पड़ी.एक निजी समाचार की इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि ये बहस उस संस्कृति का हिस्सा थी जिसमें महिला के शरीर को कामुकता से जोड़ कर देखा जाता है.
‘युवा पीढ़ी कम रूढ़िवादी है’
बीबीसी किर्गिज़ को आलिया ने बताया, “मुझे ईश्वर ने जो शरीर दिया है वो अश्लील नहीं है. ये सुंदर शरीर है जो मेरे बेटे की सभी ज़रूरतों को पूरा करने में सक्षम है, इसे कामुकता की नज़र से नहीं देखा जाना चाहिए.”
ऐसा नहीं है कि उनकी तस्वीर पर केवल सोशल मीडिया पर कुछ लोग नाराज़ थे. उनके माता-पिता, राष्ट्रपति अल्माज़बेक आत्मबयेव और उनकी पत्नी राइसा भी इस पर नाराज़ हुए.
किर्गिस्तान की राजधानी बिश्केक के बाहरी इलाके में रहने वाली आलिया ने बताया, “उन्हें ये पसंद नहीं आया. मैं ये बात समझ सकती हूं क्योंकि उनकी पीढ़ी की तुलना में युवा पीढ़ी कम रूढ़िवादी है.”
आलिया सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय रहती हैं और अपने काम और अपने परिवार की तस्वीरें सोशल मीडिया पर पोस्ट करती रहती हैं.
आलिया कहती हैं, “जब मैं अपने बच्चे को स्तनपान कराती हूं तो मुझे लगता है ये सबसे अच्छी चीज़ है जो मैं उसे दे सकती हूं. मेरे लिए अपने बच्चे की ज़रूरतों को पूरा करना ज़्यादा ज़रूरी है ना कि लोगों की बातों पर ध्यान देना.”
कौन हैं आलिया शागयीवा?
बीबीसी किर्गिज़ की संवाददाता गुलनारा कास्मांबेटोवा ने बिश्केक स्थित आलिया शागयीवा के घर पर उनका इंटरव्यू लिया था जहां वो अपने पति और बच्चे के साथ रहती हैं.
उनके घर की दीवारें उनके बनाए चित्र और उनकी तस्वीरों से भरी हुई थीं. उन्होंने मुझे फल और ख़ास पत्तों से बनी चाय दी. ख़िड़की पर गमलों में कुछ पौधे लगाए गए हैं. एक ऐसे देश में जहां अधिकतर लोग मांस खाना पसंद करते हैं, वहां ये दंपती शाकाहारी है.
सोवियत संघ के विघटन के बाद बने किर्गिस्तान के बहुसंख्यक मुसलमान समुदाय में आलिया शागयीवा एक बोल्ड महिला हैं.
वो खुल कर बात करती हैं और बचपन के अपने दिनों के बारे में कहती हैं कि उनके माता-पिता व्यस्त रहते थे और उनका बचपन अकेलेपन में बीता.
उन्होंने जेनेरेशन गैप के बारे में बात की और कहा कि वो अपने माता-पिता को समझने की कोशिश करती हैं, ख़ास कर सोशल मीडिया पर अपने काम के मामले में.
वो बताती हैं, “मेरी मां को मेरे बारे में मेरे ‘दोस्तों’ से संदेश मिले. अब मैं ख़ुद एक मां हूं और मैं समझ सकती हूं कि मुझे बड़ा करने में मेरी मां को किन दिक़्क़तों का सामना करना पड़ा होगा.”
आलिया बच्चों में डाउन सिंड्रोम और जानवरों के अधिकारों के बारे में जागरूकता फैलाने का काम भी करती हैं, वो राजनीति में नहीं आना चाहतीं.
किर्गिस्तान में लोगों को याद है देश के दो पूर्व राष्ट्रपति के बच्चे राजनीति और व्यवसाय के कारण विवादों में आए थे. लेकिन मौजूदा राष्ट्रपति ने इससे पहले कहा था कि उनके बच्चे कभी राजनीति में आएंगे.
किर्गिस्तान का रूढ़िवादी समाज
किर्गिस्तान में मुख्यत: मुसलमान रहते हैं. हालांकि ये रूढ़िवादी समाज है, लेकिन सामाजिक तौर पर वहां सार्वजनिक जगहों पर ब्रेस्टफ़ीड कराने को यहां बुरा नहीं माना जाता.
पार्क और अन्य सार्वजनिक स्थानों में महिलाओं का अपने बच्चों को स्तनपान कराते हुए दिखना यहां आम बात है. लेकिन आम तौर पर वो दूध पिलाते वक़्त अपनी शरीर को कपड़े से ढक लेती हैं.
जब शागयीवा ने तस्वीर पोस्ट की सोशल मीडिया पर तो कई लोगों ने कहा कि ये उनकी निजी तस्वीर है और पोस्ट नहीं की जानी चाहिए. कइयों ने उनकी आलोचना भी की.
शागयीवा की तस्वीर को किर्गिस्तान के बाहर भी देखा गया. यूरोप के कई देशों में अख़बारों और वेबसाइटों ने उनकी तस्वीर छापी. कइयों ने महिला के शरीर को लेकर प्रचलित सामाजिक मानसिकता का विरोध करने के लिए उनकी तारीफ़ भी की.
ब्रिटेन समेत कई देशों में सार्वजनिक जगहों पर ब्रेस्टफ़ीडिंग कराने को लेकर बहस हो रही है. ब्रिटेन में तीन साल पहले लंदन के मशहूर क्लारिज्स होटल के एक रेस्तरां ने बच्चे को दूध पिलाती एक महिला को अपनी छाती ढकने के लिए कहा था. इसका देश में विरोध हुआ था.
इसी साल मई में ऑस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड की सीनेटर लारिसा वाटर्स ने संसद में अपनी बच्ची को स्तनपान कराया था.
स्तनपान को लेकर मान्यताएं
जब बीबीसी की अन्य सेवाओं ने आलिया शेगयीवा का इंटरव्यू छापा तो इसके बाद मुस्लिम बहुल देशों में स्तनपान को लेकर प्रचलित मान्यताओं पर चर्चा छिड़ी.
ईरान से महिलाओं ने लिखा कि उन्हें सार्वजनिक तौर पर ब्रेस्टफ़ीड कराने पर किस तरह के तनाव का सामना करना पड़ता है.
तेहरान से एक मां ने लिखा, “लोग बड़े ग़ौर से मुझे देखते हैं. मुझे या तो अपने आप को पूरी तरह ढक लेना होता है या फिर अपने बच्चे को भूखे रहने देना होता है.”
अफ़ग़ानिस्तान के क़ाबुल में रहने वाली ज़रिफ़ा ग़फ़ारी ने बताया कि वो एक बड़े परिवार में रहती हैं जहां औरतों को बच्चे को दूध पिलाने के लिए अलग कमरे में जाना होता है.
वो कहती हैं, “औरतों दूसरों के सामने स्तनपान नहीं करा सकतीं. अगर ऐसा किया तो परिवार के बड़ों से उन्हें डांट पड़ सकती है. ये एक बड़ा मुद्दा है, लेकिन धीरे-धीरे हालात बदल रहे हैं.”
अफ़ग़ानिस्तान की एक अन्य महिला नग़ीन ने वो वाक़या बताया जब वो अपनी ननद के साथ बाज़ार गई थीं.
“हम कुछ गिफ़्ट ख़रीदने गए थे. उन्होंने दुकान में बैठकर खुद को एक बड़े स्कार्फ़ से ढका और बच्चे को दूध पिलाया.”
तुर्की से एक फ़ेसबुक यूज़र ने कहा वो स्तनपान कराते वक़्त ख़ुद को ढकना पसंद करती हैं. वो कहती है, “मुझे लोगों के चेहरे देखना ठीक नहीं लगता. कई लोग हैं और अब भी ब्रेस्ट को कामुक नज़रों से देखते हैं.”
टोरंटो विश्वविद्यालय में वीमेन एंड जेंडर स्टडीज़ एक्सपर्ट विक्टोरिया ताहमासेबी ने ट्वीट किया, “एक पूंजीपति की नज़र से देखें तो जब तक ब्रेस्ट को कामुक चीज़ बना कर रखा जाएगा वो फ़ायदे की चीज़ बनी रहती है. सार्वजनिक स्थानों में महिलाओं का स्तनपान कराना उन्हें कम सेक्सी बनाता है और इसीलिए इसे स्वीकार नहीं किया जाता. ”
आलिया शागयीव के मामले में उन्हें सोशल मीडिया से अपनी तस्वीर हटानी पड़ी क्योंकि उनके माता-पिता को चिंता थी कि इससे “उनके परिवार को नुक़सान हो सकता है.”
लेकिन ना तो आलिया ने अपनी बात को खुल कर कहना छोड़ा है और ना ही इस पर चर्चा ही थमी है.
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