1. केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (सीजीएसटी) विधेयक 2017
2. एकीकृत वस्तु एवं सेवा कर (आइजीएसटी) विधेयक 2017
3. वस्तु एवं सेवा कर (राज्यों को क्षतिपूर्ति) विधेयक, 2017
4. संघ राज्य क्षेत्र वस्तु एवं सेवा कर (यूटीजीएसटी) विधेयक 2017
नई दिल्ली। “एक देश, एक कर” के विचार को साकार करने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए बहुप्रतीक्षित जीएसटी ने अहम पड़ाव पार कर लिया है। लोकसभा ने बुधवार को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के लिए जरूरी चार विधेयकों को पारित कर दिया।
अब इन विधेयकों पर राज्यसभा की मुहर लगने और राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद एक जुलाई, 2017 से जीएसटी लागू करने का रास्ता साफ हो जाएगा। सरकार जीएसटी बिल राज्यसभा में चर्चा के लिए आगामी शुक्रवार या सोमवार को रख सकती है।
जीएसटी विधेयकों पर लोकसभा में करीब सात घंटे की चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने दो अहम घोषणाएं कीं। पहली तो यह कि रियल एस्टेट को जीएसटी के दायरे में लाने का फैसला एक साल के भीतर कर लिया जाएगा।
दूसरा, पेट्रोलियम उत्पादों पर यह कर कब से लागू हो, इसका फैसला जीएसटी काउंसिल करेगी। ऐसा होने पर देश भर में रियल एस्टेट व डीजल-पेट्रोल पर लगने वाले करों में भी काफी एकरूपता आ जाएगी।
जीएसटी के लागू होने पर केंद्र के आठ तथा राज्यों के नौ अप्रत्यक्ष कर व सेस समाप्त हो जाएंगे। शराब को छोड़कर बाकी सभी वस्तुएं और सेवाएं जीएसटी के दायरे में आएंगी। हालांकि खाद्य वस्तुओं सहित कई आवश्यक वस्तुओं व सेवाओं पर जीएसटी की दर शून्य होगी। इसके चार स्लैब- 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत होंगे।
वैसे, जीएसटी की अधिकतम दर 40 प्रतिशत होगी। इसके अतिरिक्त तंबाकू उत्पादों और लक्जरी वस्तुओं पर सेस अलग से लगेगा। जीएसटी लागू होने पर सामान्य श्रोणी के राज्यों में 20 लाख और विशेष श्रोणी के राज्यों में 10 लाख से अधिक के सालाना कारोबार वाले व्यापारियों को ही पंजीकरण कराना होगा।
लोकसभा ने जीएसटी के जिन विधेयकों को पारित किया है उनमें सीजीएसटी बिल 2017, आइजीएसटी विधेयक, वस्तु एवं सेवा कर (राज्यों को क्षतिपूर्ति) विधेयक और यूटीजीएसटी विधेयक 2017 शामिल हैं। विपक्ष के कई सदस्यों ने इन विधेयकों में संशोधन के प्रस्ताव भी किए। इन्हें निचले सदन ने खारिज कर दिया।
इससे पूर्व जेटली ने इन विधेयकों को लोकसभा के विचारार्थ रखते हुए कहा कि जीएसटी लागू होने पर महंगाई कम होगी।
कांग्रेस नेता वीरप्पा मोइली ने विधेयकों पर चर्चा शुरू करते हुए आरोप लगाया कि भाजपा के विरोध के चलते जीएसटी लागू करने में हुए विलंब से देश को लगभग 12 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
बीजू जनता दल के नेता बी महताब ने कहा कि यह दावा करना कि जीएसटी से ग्राहकों को फायदा होगा, भ्रामक है। उन्होंने एंटी प्रॉफिटरिंग प्रावधान को भी गैर जरूरी बताया।
“जीएसटी विधेयक बिल पास होने पर सभी देशवासियों को बधाई। नया साल, नया कानून, नया भारत!” – प्रधामंत्री नरेंद्र मोदी
अभी चलने होंगे 10 कदम?
1. सीजीएसटी, यूटीजीएसटी, आइजीएसटी और क्षतिपूर्ति विधेयक अब राज्यसभा में जाएंगे
2. जीएसटी काउंसिल 31 मार्च की बैठक में मॉडल जीएसटी नियम तय करेगी
3. सरकार जीएसटी नियमों को अधिसूचित करेगी
4. जीएसटी काउंसिल वस्तु व सेवा कर की दरें तय करेगी
5. आइटी फ्रेमवर्क का अपग्रेडेशन
6. क्रियान्वयन की चुनौतियां
7. केंद्र और राज्य प्रशासन का प्रभावी प्रबंधन
8. नौकरशाही के स्तर पर तैयारी
9. प्रशिक्षण
10. कारोबारियों को जागरूक बनाना
जीएसटी के पांच फायदे
व्यापारियों के लिए
1. कई करों की जगह एक कर
2. दोहरा कराधान नहीं
3. पूरा देश एक बाजार होगा
4. रिटर्न और रिफंड में आसानी
5. आसान पंजीकरण
आम लोगों के लिए
1. सरल कर प्रणाली
2. बार-बार कर लगने की प्रक्रिया खत्म होने से महंगाई घटेगी
3. देशभर में एक समान कीमतें
4. कर प्रणाली में पारदर्शिता
5. जीडीपी और रोजगार में वृद्धि