old सामने से दिखने में जितना चमकदार होता है, अफ्रीका की माइन्स से इसे निकालने का सच उतना ही काला है।
अफ्रीकी देशों में सोने की माइन्स बेहद गहरी और खतरनाक हैं। यहां लोग रेगिस्तान में भी सोना खोजते हैं। इनके चारों ओर घना रेगिस्तान होता है। लोग हर तरह के मौसम में रेतीले तूफान में रेत के कणों से सोने को खोज निकालते हैं।
बेरोजगारी गरीबी ने किया मजबूर
– अफ्रीका में भारी बेरोजगारी और गरीबी के चलते वहां के ज्यादातर युवा बेहद दयनीय हालत में सोने की माइन्स में काम करने को मजबूर हैं।
– पश्चिम अफ्रीकी देशों घाना, टोगो, बेनिन, रियेरा लियोन जैसे देशों में सोना निकालने के दौरान ये युवा कई बार मौत का भी शिकार हो जाते हैं।
– साथ ही बिना प्रापर ट्रेनिंग और सुरक्षा इंतजामों के चलते इन युवाओं के खतरे से खेलना पड़ रहा है।
ट्रेडिशनल तरीकों से होता है प्रोडक्शन
अफ्रीकी देशों में मौजूद सोने की माइन्स के आसपास करीब 60 से 70 हजार की संख्या में मौजूद लोग परिवार सहित कई तरह के अभावों में यहां अपना गुजर बसर करते हैं। यह पूरा प्रोडक्शन ट्रेडिशनल तरीकों से होता है। सोने की माइन्स के आसपास ये लोग झोपड़ियां बनाकर रहते हैं। यहां उन्हें रेत की आंधी और कई तरह की मुसीबतों का सामना करना पड़ता है।
डिटेक्टर लेकर खोजते हैं सोना
– सूडान के लोग रोजाना डिटेक्टर लेकर रेगिस्तान में सोना खोजने के लिए निकलते हैं।
– सोने की खोज में इन लोगों को गहरी माइन्स में उतरने के लिए अपनी जान तक जोखिम में डालनी पड़ती है।
– एक रस्सी के सहारे लोग माइन्स में उतारते हैं और सोना खोजते हैं।
आप सोच रहे होंगे कि आखिर ये लोग रेगिस्तान में से सोना कैसे ढूंढते हैं। चलिए जानते हैं कि क्या है इसकी पूरी प्रक्रिया…
सोने के पार्टिकल्स को करते हैं अलग
रेगिस्तान के बीच जहां सोने की माइन्स मिलती हैं, वहां पर इस तरह के क्रशर का उपयोग कर रेत और चट्टानों को पानी के साथ मिक्स किया जाता है, ताकि उनमें से गोल्ड पार्टिकल्स को अलग किया जा सके। जहां-जहां गोल्ड माइन्स होती हैं, वहां पर कई गहरे गड्डे होते हैं। कहीं-कहीं पर चट्टानों में दरार भी होती है, लेकिन फिर भी लोग दो वक्त की रोटी खाने के लिए माइन्स में उतरते हैं और सोना निकालते हैं। अंदर जाकर खुदाई का काम शुरू होता है। चट्टानों को खुरचा जाता है, ताकि सोना मिल सके।
रेत के कणों के रूप में मिलता है सोना
माइन्स में खुदाई करके उन्हें चट्टानों और रेत के कणों के रूप में सोना मिलता है। चट्टानों में ज्यादातर हिस्सा पत्थर का होता है और उसी में सोने का अंश भी होता है। जब रेत से सोना निकालना होता है तो उसे पहले कपड़े से छाना जाता है और पानी से धोने के बाद सोने की पहचान की जाती है। कई दिनों की इस प्रक्रिया के दौरान ये परिवार टेंट में ही रहते हैं। बारिश आने पर कभी-कभी इन कर्मचारियों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर सामान लेकर भागना भी पड़ जाता है।