पावर कारपोरेशन की भूमिका पर उठने लगे सवाल

पावर कारपोरेशन ने सहायक अभियंता के 270 पदों के लिए विज्ञापन निकाला था। इसकी परीक्षा गत 12 नवंबर को हुई।

इलाहाबाद(LNT)। इलाहाबाद हाईकोर्ट के सख्त होने के बाद जिस तरह से सहायक अभियंता भर्ती मामले में अजीबोगरीब तरीके से पावर कारपोरेशन ने अपना दामन साफ दिखाने की कोशिश की है, उससे कई और सवाल खड़े हो गए हैं। क्या परीक्षा में अनियमितता के जिम्मेदार लोगों को बचाने की कोशिश में आनन-फानन दोबारा परीक्षा की तारीख घोषित कर दी गई। सुनवाई के दिन ही परीक्षा की तारीख आखिर क्यों घोषित हुई। उसे आगे-पीछे भी तो बढ़ाया जा सकता था। अब इलेक्ट्रिकल की परीक्षा रद करने के बाद उसकी सिविल व अन्य परीक्षाओं को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।

पावर कारपोरेशन ने सहायक अभियंता के 270 पदों के लिए विज्ञापन निकाला था। इसकी परीक्षा गत 12 नवंबर को हुई। इसमें लगभग अस्सी हजार अभ्यर्थी शामिल हुए थे। पहली पाली की परीक्षा में सिविल इंजीनियरिंग और दूसरी पाली की परीक्षा में इलेक्ट्रिकल के सवालों के साथ ही नॉनटेक सवाल पूछे गए। यह नॉनटेक सवाल ही दोनों पालियों में रिपीट हुए हैं। मामला प्रकाश में आने के बाद पावर कारपोरेशन ने गलती स्वीकार तो कर ली लेकिन इसका जिम्मेदारी कौन है, यह पता लगाने में उसकी कोई रुचि नहीं थी। उलटे उसने आनन-फानन दोबारा परीक्षा कराने की कवायद शुरू कर दी जो उसके लिए भारी पड़ी। पावर कारपोरेशन शुक्रवार को कितनी हड़बड़ी में था, इसका अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि अभ्यर्थियों को उसने जो पहला मैसेज भेजा, वह टेक्निकल परीक्षा रद होने का था। बाद में इसे संसोधित करते हुए नॉनटेक किया गया।

वैसे गंभीर पहलू यह है कि सवाल रिपीट होने का मामला पहले भी सामने आ चुका है। इससे पहले महाराष्ट्र में पावर कारपोरेशन की ऐसी ही परीक्षा में सवाल रिपीट हुए थे। अब यह जांच का विषय है कि महाराष्ट्र में परीक्षा के आयोजन की जिम्मेदारी किसे दी गई और यूपी में कौन करा रहा था। अभ्यर्थियों ने इसकी शिकायत जब पहले की तो इसे गंभीरता से क्यों नहीं लिया गया। अब जबकि सहायक अभियंता की परीक्षा में गड़बड़ी का मामला सामने आ गया है जेई के अभ्यर्थी भी गोलबंद होना शुरू हो रहे हैं। जेई परीक्षा में भी अनियमितता का अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया था लेकिन उनकी बात नहीं सुनी गई।

क्यों बदला गया शिड्यूल

सहायक अभियंता परीक्षा में शिड्यूल बदले जाने पर भी सवाल उठ रहे हैं। विद्युत सेवा आयोग ने जो कार्यक्रम घोषित किया था, उसमें पहले इलेक्ट्रिकल की परीक्षा 12 नवंबर को मार्निंग शिफ्ट में होनी थी लेकिन बाद में इसे इवनिंग शिफ्ट कर दिया गया। इसके पीछे तर्क दिया गया था कि अभ्यर्थियों की संख्या को देखते हुए आनन-फानन केंद्रों को बुक किया जाना संभव नहीं था। गौरतलब है कि कंप्यूटर बेस्ड इस टेस्ट में 200 सवाल पूछे जाने थे। इसमें डेढ़ सौ सवाल इंजीनियरिंग के तथा बीस सवाल सामान्य अध्ययन, बीस सवाल रिजनिंग और दस सवाल हिंदी के थे।

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