नई दिल्ली: देश में महिलाओं और पुरुषों के लिए काम करने के माहौल में जहां फर्क तो है ही. वहीं एक और बड़ा फर्क सैलरी को लेकर भी है. देश में एक ही काम पर पुरूषों के मुकाबले महिलाएं 25 फीसदी कम सैलरी कमाती हैं. पुरूष जहां एक घंटे में औसतन 345.80 रुपये कमाते हैं वहीं महिलाओं की कमाई केवल 259.8 रुपये है. मॉनस्टर इंडिया की रिपोर्ट में यह कहा गया है.
हालांकि पुरूष-महिला वेतन अंतर 2015 के 27.2 फीसदी के मुकाबले 2 फीसदी घटा है. कंपनियों में काम करने वाली करीब 68.5 फीसदी महिलाएं यह मानती हैं कि स्त्री-पुरूष समानता अभी भी चिंता है.
स्त्री-पुरूष पर मॉनस्टर वेतन सूचकांक (एमएसआई) के अनुसार मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में औसत पुरूष-महिला वेतन अंतर 29.9 फीसदी है जो विश्व में सबसे ज्यादा भारत में है. मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर के बाद आईटी सेक्टर आता है जहां यह 25.8 फीसदी है. बीएफएसआई बैंक, फाइनेंशियल सर्विसेज एवं इंश्योरेंस में स्त्री-पुरूष वेतन अंतर 21.5 फीसदी रहा. यह देश में सामान्य स्त्री-पुरूष वेतन अंतर 25 फीसदी के दायरे में है. शिक्षा एवं अनुसंधान क्षेत्र में औसत वेतन अंतर 14.7 फीसदी रहा.
मॉनस्टर डॉटकॉम के मैनेजिंग डायरेक्टर (एपीएसी एंड पश्चिम एशिया) संजय मोदी ने कहा, ‘‘देश में स्त्री-पुरूष के बीच वेतन अंतर की बात सही है और कुल मिलाकर घरेलू कंपनियों में यह अंतर 25 फीसदी है.’’ उन्होंने कहा कि इस अंतर को पाटने के लिये संरचनात्मक बाधाओं को दूर करने समेत ठोस पहल किये जाने की जरूरत है.
मॉनस्टर इंडिया के सर्वे ‘वुमेन आफ इंडिया इंक’ के अनुसार समान वेतन पर बातचीत और अधिक एक जैसा माहौल सृजित करने के लिये उठाये गये कदमों के बावजूद 62.4 फीसदी महिलाएं मानती हैं कि उनके पुरूष समकक्षों को पदोन्नति के अधिक अवसर मिलते हैं. पदोन्नति समेत अन्य चीजों में स्त्री-पुरूष की भूमिका महत्वपूर्ण है.’’