ग़रीबी से हुई पिता की मौत तो गरीबों की मसीहा बन गई लेडी कांस्टेबल स्मिता

नई दिल्ली: तमाम बड़ी सेलिब्रिटी और फिल्मी जगत के स्टार्स के बीच एक ऐसी भी लड़की है जो किसी सेलिब्रिटी से कम नहीं है. इस लड़की को फेसबुक में 7 लाख से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं.ग़रीबी से हुई पिता की मौत तो गरीबों की मसीहा बन गई लेडी कांस्टेबल स्मिता

आप जानकर थोड़ा हैरान हो रहे होंगे, लेकिन यह सच है कि इस लड़की से ज्यादा छत्तीसगढ़ में केवल मुख्यमंत्री रमन सिंह के ही फॉलोवर्स हैं. हम बात कर रहे हैं छत्तीसगढ़ के दुर्ग में पदस्थ एक महिला कांस्टेबल स्मिता तांडी की. फेसबुक के जरिये लोगों की मदद करने की वजह से अब स्मिता को 8 मार्च को नारी शक्ति सम्मान से देश के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी सम्मानित करेंगे.

आइए जानते हैं स्मिता तांडी की पूरी कहानी…

कांस्टेबल स्मिता तांडी के पिता पुलिस में ही थे. तबियत ठीक नहीं रहने की वजह से उन्होंने समय से पहले ही रिटायरमेंट ले लिया था. साल 2013 में स्मिता के पिता की तबियत अचानक बिगड़ गई. स्मिता उन दिनों पुलिस की ट्रेनिंग कर रही थीं. पैसे के अभाव के कारण स्मिता के पिता शिव कुमार तांडी की मौत हो गई. गरीबी और पैसे की वजह से पिता की मौत ने स्मिता को अंदर से झकझोर कर रख दिया. स्मिता ने उसी समय ठान लिया की अब वो गरीबों और जरूरतमंदों की मदत करेंगी. चूंकि स्मिता ऐसा आसानी से नहीं कर सकती थीं इसलिए उन्होंने जरिया बनाया फेसबुक को और फेसबुक के माध्यम से वो लोगों की मदद करने लगीं. स्मिता जरूरतमंदों की फोटो खींचकर फेसबुक में डाल देती हैं, जिसके बाद उनके फॉलोवर्स मदद के लिए आगे आते हैं.

स्मिता के 7 लाख से ज्यादा फेसबुक पर फॉलोवर्स हैं. स्मिता को फेसबुक पर कई बार लोग भला-बुरा भी लिख देते हैं लेकिन स्मिता उसका बुरा नहीं मानती. स्मिता का कहना है कि उन्हें इस बात से गर्व होता है कि वो जिस तरह से जरूरतमंदों और गरीबों की मदद कर रही हैं इसमें लोग उनका साथ दे रहे हैं.

स्मिता कहती हैं कि कई बार उनके स्टाफ के लोग उनपर तंज कसते हैं कि ड्यूटी छोड़कर वो फेसबुक में लगी रहती हैं लेकिन स्मिता हर बार लोगों को यह कहकर शांत कर देती हैं कि वो अपना निजी समय निकालकर लोगों की मदद करती हैं न की ड्यूटी टाइम पर.

स्मिता के पास अब लोग अपनी समस्या लेकर पहुंचते हैं तो कई बार ऐसा होता है कि जिनकी मदद करना है उनके पास बैंक खाता तक नहीं होता. ऐसे में स्मिता पैसा देने वाले लोग के पास जाती हैं और पैसा लेकर जरूरतमंद तक पहुंचाती हैं. अब पैसा देने वाले लोग भी स्मिता पर पूरा भरोसा करने लगे हैं.

स्मिता को यह यकीन ही नहीं हो पा रहा है कि उसे 8 मार्च अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के दिन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी नारी शक्ति सम्मान देने वाले हैं. स्मिता कहती हैं यह उनके लिए गर्व का विषय है कि उनके काम को देश में सराहा जा रहा है. स्मिता काफी खुश हैं और उनका परिवार भी स्मिता के काम से बेहद खुश है. स्मिता की मां कहती हैं कि उनकी बेटी जो काम कर रही है उसके बदले में राष्ट्रपति पुरस्कार मिलेगा ऐसा उन्होंने कभी नहीं सोचा था.

कौन है स्मिता?

स्मिता के 7 लाख फॉलोवर्स भी अनजान हैं. इसे इत्तेफाक़ ही कहेंगे कि स्मिता जुड़वा बहन हैं, दोनों पुलिस में हैं और दिखने में भी एक जैसी हैं. चूंकि स्मिता फेसबुक में काफी लोकप्रिय हैं और उन्हें सब जानते हैं.

ऐसे में स्मिता की जुड़वा बहन स्वाति की भी परेशानी बढ़ गई है. स्मिता और स्वाति दोनों कहती हैं की एक जैसा चेहरा होने के कारण बाजार में, विभाग में और जरूरतमंदों के बीच में अब लोग स्वाति को स्मिता समझकर अपनी परेशानी बताने लगे हैं. स्वाति भी लोगों को मना नहीं करती हैं. वो लोगों की समस्या सुनती हैं और घर आकर स्मिता को बताती हैं.

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