पांचवें चरण के चुनाव में 27 फरवरी को न सिर्फ सपा-कांग्रेस गठबंधन बल्कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी का भी असल इम्तिहान होगा। इस चरण के 11 जिलों की 52 सीटों में से 42 पर सपा-कांग्रेस का कब्जा है।
इसी चरण में अमेठी में राहुल के संसदीय क्षेत्र की चार सीटों पर भी वोट पड़ेंगे। अवध क्षेत्र व पूर्वांचल से अखिलेश सरकार के 9 मंत्रियों और सिद्धार्थनगर में विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय की किस्मत का फैसला भी इसी चरण में होगा।
पीएम, सीएम और कांग्रेस उपाध्यक्ष समेत तमाम दिग्गजों के दौरों से इस इलाके का चुनावी माहौल पूरा गर्माया हुआ है। 27 फरवरी को 51 सीटों पर मतदान होगा। अंबेडकरनगर की आलापुर सीट पर 9 मार्च को वोट डाले जाएंगे।
सपा को मिल रही है कड़ी चुनौती
अपने गढ़ में सपा को भाजपा और बसपा से कड़ी चुनौती मिल रही है। पांचवें चरण में पूर्वांचल के तीन और अवध के 8 जिलों में वोट पड़ेंगे। कमोबेश सभी जगह चुनाव त्रिकोणीय है।
गोंडा सदर सीट पर शिवसेना से महेश नारायण तिवारी मुकाबले को चौकोना बनाने की कोशिशों में जुटे हैं। एक-दो सीटों पर राष्ट्रीय लोकदल दूसरे दलों का गणित बिगाड़ रहा है।
चार जिलों में सभी सीटें जीती थी सपा
2012 के चुनाव में सपा ने बलरामपुर, अंबेडकरनगर, श्रावस्ती और सुल्तानपुर में सभी सीटें जीती थीं। फैजाबाद में सपा को 5 में 4 और गोंडा में 7 में 6 सीटों पर विजय मिली थी। भाजपा का 7 और बसपा का 9 जिलों में खाता नहीं खुला था।
अवध क्षेत्र में 8, पूर्वाचल के मंत्री की होगी कड़ी परीक्षा
पांचवें चरण में विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय के साथ ही 9 मंत्रियों के दमखम की परीक्षा होनी हैं।
अवध क्षेत्र में अवधेश कुमार फैजाबाद जिले की मिल्कीपुर, तेज नारायण पांडेय उर्फ पवन पांडेय अयोध्या, विनोद कुमार उर्फ पंडित सिंह गोडा की तरबगंज, गायत्री प्रजापति अमेठी, शंखलाल मांझी अंबेडरकरनगर की कटेहरी तथा राममूर्ति सिंह वर्मा अकबरपुर सीट, बहराइच में मटेरा से यासिर शाह और बलरामपुर से डॉ. एसपी यादव चुनाव लड़ रहे हैं। पूर्वांचल में बस्ती की महादेवा सीट से रामकरन आर्य तिकोने चुनावी मुकाबले में फंसे हुए हैं।
सिद्धार्थनगर जिले की इटवा सीट पर विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय की प्रतिष्ठा दांव पर है। पवन पांडेय अयोध्या के विधायक हैं और वहीं से चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा ने इस सीट पर पूरी ताकत झोंक रखी है। मटेरा में यासिर शाह को बहराइच सीट पर उनकी मां रुआबा सईद रोचक जंग लड़ रही हैं।
पूर्व मंत्रियों की प्रतिष्ठा भी दांव पर
बस्ती की हरैया सीट पर पूर्व मंत्री राजकिशोर सिंह, मेंहदावल में करनैलगंज (गोंडा) में योगेश प्रताप सिंह, संत कबीरनगर की मेंहदावल सीट पप्पू निषाद चुनाव लड़ रहे हैं। ये सभी अखिलेश यादव सरकार में मंत्री रह चुके हैं।
अमेठी में गठबंधन में गांठ
पांचवें चरण की 52 सीटों में दो ऐसी हैं, जिन पर सपा-कांग्रेस के प्रत्याशी आमने-सामने हैं। ये दोनों सीट हैं, राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र की अमेठी व गौरीगंज। इन दोनों सीटों पर राहुल व अखिलेश अपने-अपने उम्मीदवारों के लिए वोट मांगे चुके हैं।
हालांकि अन्य सीटों पर गठबंधन चुनाव लड़ रहा है। इस चरण में अखिलेश व राहुल की दोस्ती की भी परीक्षा होगी। सभी की निंगाहें इस पर लगी है कि गठबंधन अपनी सीटों को बरकरार रख पाएगा या नहीं।
ये रहे थे वर्ष 2012 के चुनाव नतीजे
वर्ष 2012 का नतीजा
कुल सीट–52
सपा–37
भाजपा–05
कांग्रेस–05
बसपा–03
पीस पार्टी–02