खूंखार आतंकी संगठन IS के जिहादी मोसुल में बच्चों और दिव्यांगों को आत्मघाती हमलावर के तौर पर तैयार कर रहा है। इन बच्चों को विस्फोटकों से लदे ट्रक को चलाकर इराकी सुरक्षा बलों तक ले जाने के लिए मजबूर किया जा रहा है। अमरीकी वायु सेना के ब्रिगेडियर जनरल मैट इसलेर ने इस बात का खुलासा किया है।
मैट इसलेर का कहना है कि आईएस ने आत्मघाती कार बमों में इस तरह की आक्रामक और नई तकनीक को अपनाया है। हमने बच्चों को वीबीआईईडी में चालक के रूप में देखा है। इनमें से कुछ बच्चे शारीरिक रूप से अक्षम थे।
इस्लामिक स्टेट की रणनीति पर नजर रखने वाले जानकारों का कहना है कि आतंकी संगठन यह जान चुका है कि उसकी हार निश्चित है। ऐसे में वो हमले की नई तकनीक अपना रहा है।
इस्लामिक स्टेट के जिहादियों की तरफ से इस्तेमाल किए जाने वाले विस्फोटक ट्रकों को ‘वीबीआईईडी’ कहा जाता है। इनमें लगे विस्फोटकों को च्वी-बीड्सज् के नाम से जाना जाता है। जिहादी मोसुल और इराक में हमले के लिए इस तकनीक का कई बार इस्तेमाल कर चुके हैं।