हालात सामान्य होने के दावे में अब पखवारे भर का ही समय रह गया है, मगर स्थिति विपरीत होती चली जा रही है। बड़े नोटों पर पाबंदी के 35 दिन बाद भी न बैंकों में भीड़ कम हो रही है और न ही एटीएम के सामने कतार। खाते में आई सैलरी निकालने तक के लिए लोग बैंकों में गिड़गिड़ाने को मजबूर हैं, जबकि एटीएम के सामने खड़े जरूरतमंद इस भीषण ठंड में कांपते नजर आ रहे हैं। दिन भर नौकरी करने के बाद लोग रात को फिर इस उम्मीद में निकल रहे हैं कि एटीएम पर थोड़ी भीड़ कम होगी। हालात यह है कि अगर किसी एटीएम में रुपये हैं तो भीड़ छंटने का नाम नहीं ले रही है।
रात के 12 बजे हाें या भोर के चार, लोग एटीएम के सामने ही खड़े दिखाई पड़ रहे हैं। बुधवार की दोपहर बाद बैंकों में रुपये पहुंचे। कुछ के पास थोड़ा रुपया बचा था। इस वजह से बैंकों में दिन भर भीड़ लगी रही, जबकि ज्यादातर एटीएम दोपहर तक बंद रहे। शाम को कुछ बैंकों के एटीएम में रुपये पड़ते ही वहां भीड़ लग गई। आरबीआई की तरफ से पीएनबी, इलाहाबाद, केनरा, सेंट्रल आदि कुछ बैंकों को मामूली रकम मिली है मगर एसबीआई को करेंसी नहीं मिल सकी। ऐसे में गुरुवार को भी लोगों को रुपये के लिए धक्के खाने पड़ सकते हैं।
केनरा बैंक के आरएम बीडी कुज्जु का कहना है कि आरबीआई से थोड़ी रकम मिली है जिससे कल तक काम चल जाएगा। एसबीआई जोन-1 के क्षेत्रीय प्रबंधक राजेश कुमार चौधरी ने बताया कि आरबीआई से उन्हें कोई रकम नहीं मिली जिससे गुरुवार को थोड़ी परेशानी हो सकती है। एसबीआई के एजीएम अमर सिंह का कहना है कि जो रकम बची है उनसे गुरुवार को तो काम चल जाएगा मगर करेंसी नहीं मिली तो शुक्रवार से परेशानी बढ़ सकती है। पेट्रोल भराने गए लोगों को सर्वर ने झेलाया
पेट्रोल पंपों पर बुधवार को तेल लेने गए तमाम लोगों की मुश्किलें बढ़ गईं। सर्वर खराब होने से स्वाइप मशीन काम नहीं कर रही थी। ऐसे में कई लोग अपने वाहनों में पेट्रोल, डीजल नहीं भरा सके। जिनक ी गाड़ियों में थोड़ा बहुत तेल था वह तो चले गए मगर जिनके लिए तेल लेना जरूरी था वे पेट्रोल पंपों पर घंटों तक इंतजार करते रहे। सर्वर की समस्या सुबह 11 बजे से लेकर शाम पांच बजे तक बनी रही। यही नहीं, सर्वर की वजह से शॉपिंग माल में भी रोजाना तमाम लोग परेशान हो रहे हैं।