मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि केंद्र सरकार ने बैंकों को बचाने के लिए नोटबंदी का फैसला किया। धन्नासेठों ने बैंकों से बड़ी राशि कर्ज के रूप में ली थी, जो डूब गई है।
उन्होंने कहा कि पूरे देश में करेंसी की किल्लत से हाहाकार मचा है, मगर केंद्र सरकार इसे स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है। उन्होंने केंद्र से बैंकों को शाखावार भेजी गई राशि का ब्योरा सार्वजनिक करने की मांग की।
मुख्यमंत्री बुधवार को ‘स्वयं’ फाउंडेशन की ओर से इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार कैशलेस इकोनॉमी की बात कर रही है, मगर उसके लिए इंतजाम नहीं किए। नोटबंदी से बड़े लोग नहीं, आम लोग परेशान हैं।
प्रदेश सरकार गरीबों को मकान बनाने के लिए तीन लाख रुपये दे रही है, पर केंद्र सरकार अब भी महज 1.40 लाख रुपये ही देती है। वे महंगाई का आकलन ही नहीं कर पा रहे हैं।