मवाना गन्ना विकास परिषद का क्षेत्रफल पड़ोसी जिले हापुड़ और मुजफ्फरनगर तक फैला हुआ है। इन दोनों जिले की तीन चीनी मिलों के आठ हजार हेक्टेयर का गन्ना सर्वे कराया गया है। गन्ना विकास परिषद और मवाना मिल के संयुक्त प्रयास से करीब 92 फीसदी क्षेत्र का गन्ना सर्वे कार्य पूरा कर हो गया है। उधर किसान घोषणा पत्र भरवाना गन्ना विभाग के अफसरों के जी का जंजाल बन गया है।
मवाना गन्ना विकास परिषद का क्षेत्रफल मेरठ जिले की मवाना, दौराला, नंगलामल के अलावा हापुड़ की सिंभावली और मुजफ्फरनगर जनपद की खतौली तथा टिकौली चीनी मिल तक फैला हुआ है। मवाना चीनी मिल का गन्ना क्षेत्रफल करीब 35 हजार है और आठ हजार हेक्टेयर गन्ना क्षेत्रफल दो जिलों की तीन चीनी मिलों तक फैला हुआ है। छह चीनी मिलों तक फैले गन्ना क्षेत्रफल का करीब 92 फीसदी सर्वे कार्य पूरा करने का दावा गन्ना विभाग के अफसरों ने किया है।
उधर, गन्ना विकास परिषद और मवाना शुगर मिल कर्मियों की टीम ने बुधवार को ग्राम कुनकुरा, फिटकरी, मवाना कलां व जंझेड़ी का भ्रमण किया। गन्ना खेतों की नापतौल की। गन्ना विकास परिषद मवाना के वरिष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक सौबीर सिंह ने बताया कि चेंकिग के दौरान बुधवार को सभी टीमें मौके पर सर्वे कार्य करती हुई मिलीं। ग्राम फिटकरी में शेरदीन के खसरा संख्या (369), रीमा पत्नी अमित के खसरा संख्या (457)के गन्ना पौधा खेत की जांच में क्रमशः 2.89 व 3.05 प्रतिशत का अंतर पाया गया, जो अनुमन्य सीमा में है।
वहीं, दूसरी टीम ने ग्राम मवाना कलां में मनुज वीर के खसरा संख्या (896) और तहसीन के खसरा संख्या (788) के खेतों की जांच में क्रमशः 1.95 और 0.50 प्रतिशत का अंतर पाया गया जो सही है। मौके पर उपस्थित किसानों को गन्ने में कीट बीमारी की पहचान और उसके नियंत्रण की विस्तृत जानकारी भी दी गई।
उन्होंने दावा किया कि करीब 92 प्रतिशत सर्वे कार्य पूर्ण हो गया है। मवाना मिल के 20 गांवों में इसी हफ्ते सर्वे कार्य पूर्ण होने की संभावना है। पिछले दिनों हुई बारिश के कारण सर्वे कार्य बाधित हो गया था। पेड़ी वेरिफिकेशन का कार्य भी इसी हफ्ते पूरा हो जाएगा।
जी का जंजाल बना किसान घोषणा पत्र
प्रदेश के गन्ना आयुक्त संजय भूसरेड्डी ने आदेश दिए हैं कि इस वर्ष किसान स्वयं अपना घोषणा पत्र भरेंगे, जिसमें वह अपने गन्ने के खेतों का खसरा और रकबे का विवरण दर्ज कर उसे ऑनलाइन गन्ना विभाग को भेजेंगे। इसके बाद गन्ना विभाग कृषक की भूमि के रिकॉर्ड से उसका मिलान करेगा
लेकिन गन्ना सर्वे के दौरान घोषणा पत्र भरवाना गन्ना विभाग के अफसरों के गले की हड्डी बन गया है। मवाना परिक्षेत्र में करीब 60 हजार कृषक हैं उनसे से केवल तीन हजार किसानों ने घोषणा पत्र भरे हैं। यह स्थिति पूरे प्रदेश भर की है।
मवाना गन्ना विकास परिषद के एससीडीआई सौबीर सिंह ने बताया कि किसानों से घोषणा पत्र भरवाने का प्रयास किया जा रहा है लेकिन किसान नहीं भर रहे हैं। गन्ना सर्वे कार्य पूरा होने को है।