9 इंजीनियरों के बदले पाकिस्तान का कितना नुकसान? चीन ने ठप किए कई प्रोजेक्ट्स, CPEC की बैठक टाली

खैबर पख्तूनख्वा में एक बस में हुए धमाके में चीन के 9 इंजीनियरों की मौत होना पाकिस्तान के लिए मुसीबत का सबब बनने वाला है। इस घटना के बाद चीन ने अब कड़ा ऐक्शन लेते हुए कई प्रोजेक्ट्स पर काम रोक दिया है। बीजिंग की ओर से बेल्ट ऐंड रोड प्रोजेक्ट पर काम को लेकर गठित उच्च स्तरीय समितियों की बैठकों को स्थगित कर दिया है। इसके अलावा अरबों डॉलर की लागत से बन रहा हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट भी फिलहा खटाई में पड़ता दिख रहा है। बीते सप्ताह चीन के नेतृत्व वाले दासू हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट में काम कर रहे 9 इंजीनियरों की मौत हो गई थी। इन चीनी इंजीनियरों की मौत तब हुई, जब ये बस में बैठकर साइट पर आ रहे थे। उसी दौरान एक धमाके हुआ और बस एक नहर में जा गिरी। 

पहली बार पाकिस्तान में चीन के नागरिकों पर हुआ हमला

इस घटना में चीन के 9 इंजीनियरों समेत 13 लोगों की मौत हो गई थी। हादसे के बाद पाकिस्तान की ओर इसे तकनीकी खामी करार दिया गया था, लेकिन अगले ही दिन से चीन ने इसे आतंकी घटना बताया और कहा कि इसके लिए जिम्मेदार लोगों को कड़ी सजा होनी चाहिए। आतंकवाद के मामलों के जानकार कहे जाने वाले फखर काकाखेल ने कहा, ‘निश्चित तौर पर ऐसी घटनाएं इसलिए की गई हैं ताकि चाइना पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर जैसे मेगा प्रोजेक्ट को बाधित किया जा सके।’ उन्होंने कहा कि अब तक बलूचिस्तान के बाहरी इलाकों में इसे निशाना बनाकर घटनाओं को अंजाम दिया जाता रहा है। लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है, जब ऐसी किसी घटना में चीन के लोगों को नुकसान पहुंचा है।  

CPEC पर बैठक को चीन ने किया रद्द

इस बीच घटना की जांच तेजी से चल रही है। पाकिस्तान के जांचकर्ताओं ने भी हादसे वाली जगह से विस्फोटक के अंश मिलने की बात कही है। यही नहीं चीन ने भी अपनी 15 सदस्यीय टीम इस घटना की जांच के लिए भेजी है। इस घटना के बाद अपनी तात्कालिक प्रतिक्रिया में चीन ने जॉइंट कॉर्डिनेशन कमिटी की 10वीं बैठक को स्थगित कर दिया है। यह समिति ही 50 अरब डॉलर के CPEC प्रोजेक्ट के तहत होने वाले कामों की निगरानी करती है। इसके अलावा चीन ने उस दासू हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट पर भी काम रोक दिया है, जिसके काम में लगे इंजीनियरों की मौत हो गई थी।

पाकिस्तान में चीन के हितों को पहली बार इतना बड़ा झटका

चीन और पाकिस्तान के रिश्तों की जानकारी रखने वाले एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस घटना से चीन के हितों को करारा झटका लगा है। इसके अलावा अफगानिस्तान में लगातार बढ़ रहा संकट भी चिंता की वजह है। फिलहाल चीन की ओर से पाकिस्तान की ओर से हिदायत दी है कि वह जांच करे उसके देश में रह रहे चीनी नागरिकों को किस तरह के खतरे हो सकते हैं। इसके अलावा उसके मुताबिक ही सुरक्षा की व्यवस्था को पुख्ता किया जाए।

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